राजस्थान के किसान ने बनाया हर्ष पर्वत का मॉडल, कई गावों के प्यास बुझाने का किया दावा| देखें तस्वीरें
जहां देश व प्रदेश में प्रकृति, पर्यावरण, जल संरक्षण और परंपरा को बचाने की मुहिम चलाई जा रही है. वहीं पर्यटन को बढ़ावा देकर आय के स्रोत बढ़ाने के प्रयास भी सरकार, स्वयं सेवी संस्थाएं और आमजन की ओर से किए का रहे हैं. ऐसी ही एक अनूठी पहल सीकर जिले का एक किसान कर रहा है. (जगदेव सिंह)
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सीकर के पर्यटन स्थल हर्ष की पहाड़ियों की तलहटी में बसे एक छोटे से गांव खोरी के नवाचारी किसान शेर सिंह ने अपने खेत में पेयजल, पर्यावरण, परंपरा व प्रकृति के संरक्षण के नए-नए नवाचार कर सरकार और आमजन को भी इन्हें बचाने का संदेश दिया है.
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नवाचारी किसान शेर सिंह ने अपनी अनूठी पहल से सीकर जिले में बढ़ रही पेयजल की समस्या के निदान के लिए भी अपने खेत में सीकर के एकमात्र पर्यटन स्थल हर्ष पर्वत का एक मॉडल बनाया. साथ ही बारिश के समय जल संरक्षण का संदेश देते हुए आसपास के करीब एक दर्जन गांव की प्यास बुझाने का दावा किया है.
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इसके साथ ही उन्होंने अपने खेत में कृषि के क्षेत्र में नए-नए नवाचार किए. पुरानी परंपरा को जीवित रखने के लिए अपने खेत में गोबर और मिट्टी की बनी झोंपड़ी, ईंटों से बना प्रकृति अनुकूल डी फ्रिज, गौ पशुपालन सहित पर्यटन के क्षेत्र में भी अनेक अनूठी पहल की है.
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किसान शेर सिंह ने कहा हर्ष पर्वत के आसपास जो गांव बसे है उनमें 3 पंचायतें हैं, इनमें कुल 14 गांव है. जिनमें उनका खुद का गांव खोरी-मंडावर भी आता है. इन सभी गांव में पिछले लंबे समय से पीने के पानी व कृषि के लिए पानी की बड़ी समस्या है.
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किसान शेर सिंह ने अपने खेत में हर्ष पर्वत का 15 फीट लंबा व 12 फीट चौड़ा मॉडल तैयार किया है. उन्होंने अपने हर्ष पर्वत के मॉडल में प्राचीन हर्ष भैरव व शिव मंदिर, गुफाओं, सड़क, चेक डैम, तालाब व आसपास के गांव को भी दर्शाया है.
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मॉडल में उन्होंने हर्ष पर्वत पर होने वाली बारिश के समय पानी को किस तरह से इकट्ठा कर गांव में वितरित किया जा सकता है. इसका खाका भी उन्होंने अपने मॉडल के माध्यम से तैयार किया है.
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इसी के तहत उन्होंने हर्ष पर्वत का मॉडल अपने खेत में तैयार किया है. देशी गायों के पालन के साथ ही वह गोबर व मूत्र से कृषि के लिए खाद्य तैयार करते हैं.
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नवाचारी किसान शेर सिंह वर्तमान में अपने खेत में 5 क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं. इनमें जल संरक्षण, परंपरा एवं ऐतिहासिक धरोहर, औषधिय जैव विविधता, पशुपालन, कृषि व देशी बीज है.
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किसान शेर सिंह ने पर्यटकों के लिए अपने खेत में गोबर व मिट्टी के लेप से कई झोपड़ी भी बना रखी है. पर्यटकों के लिए देशी पकवान बनाकर उन्हें खिलाया जाता है.
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