राजस्थान में पहली बार देखी गई नई प्रजाति की व्हाइट-ब्रोड बुलबुल, जैव विविधता में हो रहा इजाफा
उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने उदयसागर झील के किनारे एक नई पक्षी प्रजाति की खोज की है. इस प्रजाति को व्हाइट-ब्रोड बुलबुल कहा जाता है. यह प्रजाति मुख्य रूप से प्रायद्वीपीय भारत और श्रीलंका में पाई जाती है, लेकिन अब यह पहली बार राजस्थान में भी देखी गई है.
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व्हाइट-ब्रोड बुलबुल की खोज राजस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. यह प्रजाति राजस्थान में पहली बार देखी गई है, और यह राज्य की समृद्ध जैव विविधता का एक और प्रमाण है. व्हाइट-ब्रोड बुलबुल एक मध्यम आकार की बुलबुल है जिसकी चोंच नुकीली होती है. इसके सिर के ऊपर एक सफेद पट्टी होती है, जिससे इसे अन्य बुलबुल प्रजातियों से अलग किया जा सकता है. यह प्रजाति आमतौर पर झाड़ियों और पेड़ों में रहती है, और कीटों और फल खाती है.
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व्हाइट-ब्रोड बुलबुल की खोज के बारे में वन्यप्राणि शोध प्रयोगशाला के प्रभारी व सहायक आचार्य डॉ.विजय कुमार कोली के बयान से पता चलता है कि यह प्रजाति मुख्यतः प्रायद्वीपीय भारत और श्रीलंका के निचले आधे हिस्से में पाई जाती है. भारत में इसका वितरण अभी तक केवल दक्षिणी भारत तक ही सीमित था. हालांकि, हाल ही में गुजरात में कुछ अवलोकनों से पता चलता है कि यह प्रजाति अब उत्तर की ओर बढ़ रही है.
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इस बुलबुल की लंबाई लगभग 16 से 20 सेंटीमीटर होती है. इसके सिर के ऊपर एक सफेद पट्टी होती है. यह प्रजाति आमतौर पर झाड़ियों और पेड़ों में रहती है, और कीटों और फल खाती है.
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व्हाइट-ब्रोड बुलबुल की शारीरिक विशेषताओं का वर्णन करते हुए, डॉ. कोली बताते हैं कि इसके सिर के ऊपर एक सफेद पट्टी होती है, जो इसे अन्य बुलबुल प्रजातियों से अलग करती है. इसके ऊपरी हिस्से पर जैतून-भूरे रंग का होता है, और इसके पंखों के किनारों पर बहुत हल्के पीले रंग के होते हैं. नर और मादा एक समान होते हैं. यह इस बात का प्रमाण है कि राजस्थान की जैव विविधता अभी भी समृद्ध है, और नई प्रजातियों की खोज की संभावना अभी भी बनी हुई है.
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