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Vijayadashami 2023: रावण की अस्थियां घर लाने का क्या है रहस्य?

दशहरा के बाद रावण की अस्थियां घर लाने की प्रथा भारत के कई हिस्सों में एक लोकप्रिय परंपरा है। इस प्रथा के पीछे धार्मिक मान्यताएं, सांस्कृतिक परंपराएं और आर्थिक लाभ शामिल हैं. कुछ लोगों का मानना ​​है कि रावण एक शक्तिशाली और ज्ञानी व्यक्ति था, और उसके अवशेषों को घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा मिलेगी. अन्य लोग मानते हैं कि रावण के भाई कुबेर धन के देवता हैं, और उनके अवशेषों को घर में रखने से आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित होगी. हालांकि इन दावों का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन रावण की अस्थियां घर लाने की परंपरा कई हिंदुओं के बीच लोकप्रिय बनी हुई है.

  • प्राचीन मान्यता है कि जब भगवान राम ने रावण का वध किया था, तब उनकी सेना रावण वध और लंका विजय के प्रमाण के रूप में लंका की राख अपने साथ लेकर आई थी. इसीलिए आज भी लोग दशहरे के दिन रावण की अस्थियां और राख अपने घर ले जाते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि रावण एक महान विद्वान और पराक्रमी व्यक्ति था. इसलिए उसके अवशेष घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भय और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है. कुछ लोगों का मानना है कि रावण के भाई कुबेर धन के देवता हैं. इसलिए रावण की राख घर में रखने से धन-धान्य की कमी नहीं रहती है.
  • रावण की अस्थियां और राख घर लाने की मान्यता भारत के कई हिस्सों में प्रचलित है, जिसमें अजमेर, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश शामिल हैं. रावण दहन के बाद लोग पुतले की जली हुई लकड़ी और राख को एकत्र करते हैं और उसे अपने घर ले जाते हैं. कुछ लोग इस राख को घर के तल पर छिड़क देते हैं, तो कुछ लोग इसे घर की दीवारों पर या दरवाजों पर लगाते हैं.
  • जानकारों का कहना है कि यह मान्यता पूरी तरह से वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं है. हालांकि, यह लोगों की श्रद्धा का विषय है. यदि किसी को लगता है कि रावण की अस्थियां घर लाने से उसे लाभ होगा, तो वह कर सकता है.
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