भारतीय सेना के जाबाजों ने जैसलमेर में त्रिशक्ति अभियान किया पूरा
त्रिशक्ति बहुआयामी साहसिक अभियान भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना द्वारा राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित एक सप्ताह का अभियान था. इस अभियान का उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच अंतर-सेवा समन्वय को बढ़ावा देना और स्थानीय आबादी के बीच राष्ट्र निर्माण गतिविधियों को शुरू करना था. इस अभियान में तीनों सेनाओं के 40 से अधिक सैनिकों ने भाग लिया, जिसमें मोटरसाइकिलिंग, माइक्रोलाइट फ्लाइंग, कैमल सफारी, 4x4 जीप रैली, रोइंग और साइक्लिंग जैसी विभिन्न साहसिक गतिविधियां शामिल थीं.
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भारतीय सेना के जाबाजों ने आज जैसलमेर में त्रिशक्ति बहुआयामी अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया. इस एक सप्ताह के अभियान में तीनों सेनाओं के 40 से अधिक जाबाजों ने विभिन्न एडवेंचर एक्टिविटीज करते हुए लगभग 3000 किलोमीटर का सफर तय किया.
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अभियान का उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच अंतर सेवा समन्वय को बढ़ावा देना और स्थानीय लोगों के बीच राष्ट्र निर्माण गतिविधियों को शुरू करना था. अभियान के दौरान जाबाजों ने मोटरसाइकलिंग, माइक्रोलाइट फ्लाइंग, कैमल सफारी, 4x4 जीप रैली, रोइंग और साइक्लिंग जैसी विभिन्न एडवेंचर एक्टिविटीज की.
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इसके अलावा, उन्होंने प्रेरक व्याख्यान, वृक्षारोपण, त्रि सेवाओं और चिकित्सा शिविरों के बारे में युवा सहभागिता कार्यक्रम जैसे आउटरीच जागरूकता कार्यक्रम भी किए.
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अभियान की शुरुआत 17 अक्टूबर को वायु सेना स्टेशन जैसलमेर से हुई थी. जाबाज़ों की टीम ने जैसलमेर से कच्छ के रण के उत्तरी किनारे तक यात्रा की और सीमावर्ती शहरों बाड़मेर, मुनाबाओ, लोंगेवाला, तनोट से होकर गुजरी. तत्पश्चात यह रामगढ़, किशनगढ़, भारेवाला से होकर वापिस जैसलमेर पहुंची.
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आज जैसलमेर युद्ध स्मारक पर अभियान का समापन हुआ. लेफ्टिनेंट जनरल विपुल सिंघल ने अभियान दल के सदस्यों की सराहना की और उनके प्रयासों को राष्ट्र निर्माण के लिए सशस्त्र बलों की प्रतिबद्धता के रूप में देखा. उन्होंने कहा कि यह अभियान तीनों सेनाओं के बीच अंतर सेवा समन्वय को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों के बीच राष्ट्र निर्माण गतिविधियों को शुरू करने के लिए एक सफल प्रयास था. उन्होंने अभियान के दौरान समर्थन और प्रोत्साहन देने के लिए स्थानीय लोगों और नागरिक प्रशासन का भी आभार व्यक्त किया.
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अभियान में शामिल एक जाबाज़ ने बताया कि यह अभियान उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण और रोमांचक अनुभव रहा. उन्होंने कहा कि उन्होंने इस अभियान के दौरान अपनी शारीरिक और मानसिक क्षमताओं को सीमित किया और टीम के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर काम करने की कला सीखी.
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उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करने और उनकी संस्कृति और परंपराओं के बारे में जानने का अवसर उन्हें प्राप्त हुआ. उन्होंने कहा कि यह अभियान उनके लिए एक यादगार अनुभव रहा और उन्होंने इससे बहुत कुछ सीखा.
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यह अभियान युवाओं को प्रेरित करता है और उन्हें सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है.
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त्रिशक्ति बहुआयामी अभियान भारतीय सेना की एक अनूठी पहल है. यह अभियान तीनों सेनाओं के बीच अंतर सेवा समन्वय को बढ़ावा देता है और स्थानीय लोगों के साथ संबंध मजबूत करता है.
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अभियान में भाग लेने वाले सैनिकों ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी इस अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करने में अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया.
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