घास-फूस से कुर्सियां बनाकर अच्छी कमाई कर रही भरतपुर की महिलाएं, ऐसे कर सवार रहीं जिंदगी |Photos

भरतपुर में मुडडा - मुडडी और स्टूल व कुर्सी का प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है. नाबार्ड द्वारा महिलाओं को जिले के गांव चक बीजा नगला में 15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे महिलाओ को गांव में ही रोजगार उपलब्ध हो सकेगा. (ललितेश कुशवाहा)

  • देश में कई संस्थाएं है जो महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर बनाने के किए काम कर रही है.(ललितेश कुशवाहा)
    देश में कई संस्थाएं है जो महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर बनाने के किए काम कर रही है.(ललितेश कुशवाहा)
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  • महिलाओं ने बताया कि वह घर पर चूल्हा चौका के अलावा कुछ काम नहीं करती थी, इस संस्था के द्वारा जो हमें मुडडा - मुडडी और स्टूल व कुर्सी बनाने का जो प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे हमें रोजगार मिला है और हम लोग पूरी तरह से काम सीख गए है. इससे काम से हमारी आर्थिक स्थिति मजबूत हो गई है.
    महिलाओं ने बताया कि वह घर पर चूल्हा चौका के अलावा कुछ काम नहीं करती थी, इस संस्था के द्वारा जो हमें मुडडा - मुडडी और स्टूल व कुर्सी बनाने का जो प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे हमें रोजगार मिला है और हम लोग पूरी तरह से काम सीख गए है. इससे काम से हमारी आर्थिक स्थिति मजबूत हो गई है.
  • एक ऐसी ही संस्था है राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड )के द्वारा सूक्ष्म उदम विकास कार्यक्रम के तहत एसके शिक्षण एवं सामाजिक विकास संस्थान के सहयोग से महिलाओं को 15 दिवसीय मुडडा - मुडडी और स्टूल व कुर्सी बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
    एक ऐसी ही संस्था है राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड )के द्वारा सूक्ष्म उदम विकास कार्यक्रम के तहत एसके शिक्षण एवं सामाजिक विकास संस्थान के सहयोग से महिलाओं को 15 दिवसीय मुडडा - मुडडी और स्टूल व कुर्सी बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
  • जिला विकास प्रंबधक राजेश मीणा ने बताया कि सरकार की ओर से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त और आत्म निर्भर बनाने के लिए नाबार्ड द्वारा एसके शिक्षण एवं सामाजिक विकास संस्थान के सहयोग से भरतपुर जिले के गांव चक बीजा नगला में 15 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन कर मुडडा - मुडडी और स्टूल व कुर्सी बनाने का काम सिखाया जा रहा है.
    जिला विकास प्रंबधक राजेश मीणा ने बताया कि सरकार की ओर से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त और आत्म निर्भर बनाने के लिए नाबार्ड द्वारा एसके शिक्षण एवं सामाजिक विकास संस्थान के सहयोग से भरतपुर जिले के गांव चक बीजा नगला में 15 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन कर मुडडा - मुडडी और स्टूल व कुर्सी बनाने का काम सिखाया जा रहा है.
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  • इस प्रशिक्षण के लिए स्पेशल ट्रेनर भी लगाए गए हैं, जो इन महिलाओं को काम सिखाकर रोजगार परख बनाने में मदद कर रहे हैं. महिलाओं के द्वारा बनाए जाने वाले सामान को सोशल मीडिया के एप से जोड़कर इनकी मार्केटिंग की जाएगी.
    इस प्रशिक्षण के लिए स्पेशल ट्रेनर भी लगाए गए हैं, जो इन महिलाओं को काम सिखाकर रोजगार परख बनाने में मदद कर रहे हैं. महिलाओं के द्वारा बनाए जाने वाले सामान को सोशल मीडिया के एप से जोड़कर इनकी मार्केटिंग की जाएगी.
  • सुनीता नाम की एक महिला ने बताया कि इस संस्था के द्वारा जिस काम का प्रशिक्षण दिया गया है, उसका रॉ मटेरियल बहुत कम कीमत पर उपलब्ध होता है. सरकंडा और घास फूस से स्टूल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है, जो हमारे खेतों में बड़ी मात्रा में आसानी से मिल जाता है. हमारे द्वारा बनाए जा रहे मुडडा - मुडडी और स्टूल व कुर्सी बाजार में 200 रुपए से शुरू होकर 1000 रुपए तक में बिक जाते हैं. जिससे आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है.
    सुनीता नाम की एक महिला ने बताया कि इस संस्था के द्वारा जिस काम का प्रशिक्षण दिया गया है, उसका रॉ मटेरियल बहुत कम कीमत पर उपलब्ध होता है. सरकंडा और घास फूस से स्टूल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है, जो हमारे खेतों में बड़ी मात्रा में आसानी से मिल जाता है. हमारे द्वारा बनाए जा रहे मुडडा - मुडडी और स्टूल व कुर्सी बाजार में 200 रुपए से शुरू होकर 1000 रुपए तक में बिक जाते हैं. जिससे आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है.