Rajasthan News: राजस्थान प्रशासनिक सेवा के फाइनल रिजल्ट (RAS Result 2023) ने इस बार श्रीगंगानजर जिले के अनूपगढ़ (Anupgarh) की एक साधारण बेटी की असाधारण कहानी को सामने ला दिया है. वार्ड नंबर 24 की रहने वाली सुष्मिता लेघा (Sushmita Legha) ने OBC कैटेगरी में 413वीं रैंक हासिल कर RAS अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त किया है. सुष्मिता की यह सफलता सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि उनके दादाजी के उस पुराने सपने की जीत है, जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने IAS/RAS बनने की ठानी थी.
दादाजी का सपना बना जीवन का लक्ष्य
सुष्मिता लेघा की इस कामयाबी के पीछे एक गहरी पारिवारिक भावना जुड़ी है. उन्होंने बताया कि उनके दादाजी, राजाराम लेघा (सिंचाई विभाग से सहायक अभियंता पद से रिटायर्ड) हमेशा उन्हें एक बात कहते थे. दादाजी का सपना था कि उनके परिवार में कोई न कोई सदस्य RAS अधिकारी बने. सुष्मिता ने NDTV से बात करते हुए बताया, "दादाजी मुझे अक्सर कहते थे कि बेटा, 'परिवार में एक RAS होना चाहिए.' यह बात मेरे दिल में बैठ गई थी. बस, मैंने तभी ठान लिया था कि मुझे सिर्फ अपने दादाजी का यह सपना पूरा करना है."
सूरतगढ़ से 2020 में पूरी की थी ग्रेजुएशन
वर्ष 2020 में सूरतगढ़ से अपनी ग्रेजुएशन (BA) की पढ़ाई पूरी करते ही, सुष्मिता ने अगले ही साल 2021 में RAS की तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने सिर्फ अपने दादाजी के इसी सपने को साकार करने के लिए दिन-रात मेहनत की, जिसका फल आज उन्हें मिला है. सुष्मिता के सफल होते ही अनूपगढ़ में उनके घर पर खुशियों का माहौल बन गया. माता-पिता और दादाजी की आंखें नम हो गईं.
कोरोना, ऑनलाइन क्लास और दूसरा अटेम्प्ट
सुष्मिता का सफर चुनौतियों भरा रहा. तैयारी शुरू करते ही वर्ष 2021 में कोरोना काल आ गया. इसके चलते उन्हें RAS प्रीलिम्स (Prelims) की पढ़ाई ऑनलाइन ही करनी पड़ी. उन्होंने ऑनलाइन पढ़ाई करते हुए ही प्री एग्जाम क्लियर किया. प्रीलिम्स पास करने के बाद, मुख्य परीक्षा (Main Exam) की तैयारी के लिए वह जयपुर चली गईं, जहां उन्होंने एक कोचिंग संस्थान से तैयारी की. पहले प्रयास में उन्होंने मुख्य परीक्षा तो पास कर ली, लेकिन दुर्भाग्य से उनका इंटरव्यू क्लियर नहीं हो पाया. लेकिन, दादाजी का सपना उनके हौसले को टूटने नहीं दे रहा था. इस असफलता से हार न मानते हुए, सुष्मिता ने वर्ष 2023 में RAS परीक्षा का दूसरा अटेम्प्ट दिया. 6 जून 2025 को उन्होंने इंटरव्यू दिया, और 15 अक्टूबर 2025 को आए फाइनल रिजल्ट में उन्हें OBC कैटेगरी में 413वीं रैंक मिली, जिससे उनका चयन सुनिश्चित हो गया.
'पोती ने रोशन किया कुल का नाम'
सुष्मिता की माता, सुमित्रा लेघा, एक गृहिणी हैं, और उनके पिता महावीर लेघा किसान हैं. परिवार का मुख्य आधार कृषि है. लेकिन, सबसे ज़्यादा गर्व उनके दादाजी राजाराम लेघा को है. दादाजी राजाराम लेघा ने भावुक होते हुए कहा, 'मेरा सपना अब पूरा हो गया है. मेरी पोती ने मुझे एक नई पहचान दी है.' उन्होंने एक पुरानी सोच को चुनौती देते हुए कहा, 'कहा जाता है कि कुल का नाम लड़के रोशन करते हैं, पर मेरी पोती ने न केवल कुल का, बल्कि पूरे अनूपगढ़ का नाम रोशन कर दिया है.'
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