IAS Pari Bishnoi Success Story: कहते हैं कि अगर किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने में लग जाती है. इस कहावत को राजस्थान की धरती पर जन्मी बीकानेर की बेटी परी बिश्नोई (IAS pari bishnoi) ने 5 साल पहले अपने तीसरे प्रयास में साबित कर दिखाया था. 2023 में झीलों की नगरी उदयपुर (Udaipur) में हरियाणा के आदमपुर विधायक भव्य बिश्नोई (Bhavya Bishnoi) के साथ विवाह बंधन में बंधने वाली आईएएस परी बिश्नोई की सफलता की कहानी आज रेतीले टीलों पर लिखी गई है.
मां से मिली IAS बनने की प्रेरणा
देश के लिए कुछ करने की चाहत ने ही परी बिश्नोई को IAS बनने की प्रेरणा दी. 2 बार के लगातार प्रयास में सिविल सेवा (Civil Services) में स्थान न बनाने के बाद उनका धैर्य टूटा नहीं. उन्होंने 2019 में तीसरे प्रयास में कड़ी मेहनत का परिचय देते हुए ऑल इंडिया रैंक 30 (AIR 30) हासिल कर भारतीय सिविल सेवा (IAS) में राजस्थान (Rajasthan) का नाम रोशन किया. उनकी मां ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बेटी परी ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के दौरान मोबाइल से दूरी बना ली थी. खुद को कमरे में बंद करके सिर्फ पढ़ाई ही पढ़ाई करती थी. उसके इस अथक परिश्रम का ही फल था जो उसका चयन IAS में हुआ. IAS बनने का सपना उन्हें अपनी मां से मिला है. उनकी मां राजस्थान पुलिस में हैं और बचपन से ही उन्होंने अपनी मां को काम करते देखा है. एक छोटे से पद पर रहते हुए भी वह बहुत सारे बदलाव लाने में सक्षम थीं. वह कई पुलिस थानों में SHO के तौर पर पहली महिला अधिकारियों में से एक थीं. जो फील्ड जॉब को आसानी से कर लेती थीं. यह उनकी मां ही हैं जिन्होंने उन्हें फील्ड जॉब करने और लोगों के साथ और उनके लिए काम करने के लिए प्रेरित किया.
राजस्थान से दिल्ली तक का सफर
परी बिश्नोई का जन्म 26 जनवरी 1996 को बीकानेर जिले में हुआ. उनके पिता मनीराम बिश्नोई एक वकील हैं. तो मां सुशीला देवी आरपीएफ में इंपेक्टर के पद पर तैनात है. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल, अजमेर से की.उन्होंने 10वीं में 91 प्रतिशत और 12वीं में 89 प्रतिशत अंक हासिल किए. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर विमेन से स्नातक की पढ़ाई पूरी की. इसके अलावा उन्होंने एमडीएस यूनिवर्सिटी, अजमेर से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन में एमए किया. साथ ही 2019 में यूपीएससी परीक्षा पास करने से पहले उन्होंने यूजीसी नेट परीक्षा भी पास की थी.
लक्ष्य को हासिल करने के लिए करे ये काम
यूपीएससी क्रैक करने के बाद आईएएस परी बिश्नोई अक्सर अपनी सिविल सर्वेंट की जर्नी को शेयर करती रहती हैं. उनका कहना है कि हर आईएएस उम्मीदवार को सुबह जल्दी उठना, रोज़ाना अख़बार पढ़ना, माता-पिता का सम्मान करना और जीवन में आगे बढ़ने के लिए सकारात्मक रहने जैसी आदतें अपनानी चाहिए. इससे लक्ष्य को हासिल करने में आसानी होगी. और हमेशा अपनी कमज़ोरियों को अपनी ताकत बनाना चाहिए ताकि समय आने पर उनसे डरकर नहीं बल्कि उन पर जीत हासिल करके आगे बढ़ा जा सके.
अंग्रेजी में कमजोर थी परी बिश्नोई
अक्सर अपने इंटरव्यू में वह कहती थीं कि पहले उनकी अंग्रेजी बहुत अच्छी नहीं थी. यह मेरी सबसे बड़ी कमजोरी थी. लेकिन मुझे इससे डर नहीं लगा. जिस स्कूल में मैंने पढ़ाई की, वहां सभी लोग अंग्रेजी बोलते थे. मुझे यह नहीं आती थी. हिंदी में बोलने पर मुझ पर जुर्माना लगाया जाता था. इसलिए मैं चुप रही. हालात ऐसे बने कि मैं अंग्रेजी भाषा में पिछड़ने लगी. लेकिन फिर भी मैंने हार नहीं मानी. मैंने कड़ी मेहनत की. जिसके तहत मैंने रोजाना अखबार पढ़ना शुरू किए. मैंने बीएससी, आईबीपीएस की परीक्षा दी. मुझे सफलता नहीं मिली लेकिन फिर भी मैंने खुद को निराश नहीं होने दिया. मैं लगातार मेहनत करती रही और नतीजा यह हुआ कि मैंने अपनी कमजोरी को ताकत में बदल दिया.
वर्तमान में सिक्किम में है पोस्टिंग
वर्तमान में वह सिक्किम, उत्तर पूर्व कैडर में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट के रूप में आम चुनाव 2024 के लिए रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में तैनात थीं. परी की शादी हरियाणा के विधायक भव्य बिश्नोई से हुई है. वह हरियाणा के पूर्व सीएम भजन लाल के सबसे छोटे पोते और भाजपा सांसद कुलदीप बिश्नोई के बेटे हैं.