Jhalawar: '10 लाख कम हैं, मैं तो उचित मुआवजे की मांग कर रहा था', गिरफ्तारी के बाद NDTV से बोले नरेश मीणा

Naresh Meena News: पहले थप्पड़ कांड और अब मेडिकल इमरजेंसी में बाधा डालने जैसे गंभीर आरोपों से घिरे नरेश मीणा की कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई हैं.

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गिरफ्तारी के बाद नरेश मीणा ने NDTV से बातचीत में अपना पक्ष रखा है.
NDTV Reporter

Rajasthan News: झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद अस्पताल में धरना और हंगामा करने पर नरेश मीणा की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं. टोंक से पूर्व निर्दलीय विधायक प्रत्याशी नरेश मीणा को पुलिस ने दोबारा गिरफ्तार कर लिया है. नरेश मीणा पर आरोप है कि उन्होंने झालावाड़ मेडिकल कॉलेज परिसर में घुसकर न सिर्फ धरना दिया, बल्कि एम्बुलेंस की आवाजाही और ICU जैसी आपातकालीन सेवाओं में भी बाधा डाली.

किसने दर्ज कराई FIR?

मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय पोरवाल और अधीक्षक डॉ. अशोक शर्मा की शिकायत पर झालावाड़ पुलिस ने नरेश मीणा पर धारा 121(1), 132 और 352 के तहत केस दर्ज किया है. FIR में कहा गया है कि- “नरेश मीणा ने अस्पताल स्टाफ से हाथापाई की, अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, और मरीजों की परवाह किए बिना हंगामा जारी रखा.”

'मैं तो न्याय की मांग कर रहा था'

पुलिस वैन से उतरकर थाने के ले जाते समय नरेश मीणा ने NDTV से कहा, 'मैं तो झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद अपनी जन क्रांति यात्रा बीच में छोड़कर बच्चों को न्याय दिलाने आया था. झालावाड़ के अस्पताल में धरने का मकसद सरकार से पीड़ित परिवार के लिए उचित मुआवजा लेना था. लेकिन यह मकसद पूरा नहीं हो पाया. सरकार ने परिवार को उचित मुआवजा नहीं दिया.'

1-1 करोड़ मुआवजा मांग रहे थे

बताते चलें कि नरेश मीणा ने मृतकों के परिवार को 1-1 करोड़ रुपये और घायलों के परिवार को 50-50 लाख रुपये देने की मांग की थी. इसके साथ ही उन्होंने पीड़ित परिवार के किसी एक शख्स को संविधा पर नौकरी देने की मांग की थी. नरेश मीणा ने कहा कि सरकार जब तक दोषियों के खिला मुकदमा दर्ज नहीं करती, तब तक उनका धरना जारी रहेगा.

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सरकार ने 10-10 लाख मुआवजा दिया

हालांकि भजनलाल सरकार ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हादसे के करीब 12 घंटे बाद झालावाड़ पहुंचकर मृतक बच्चों के परिवार को 10-10 लाख रुपये देने का ऐलान किया. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने खुद पिपलोदी गांव जाकर दो बच्चों के परिजनों को संविदा पर नौकरी का ऑफर लैटर सौंपा. हालांकि घायलों के लिए किसी तरह के मुआवजे का ऐलान नहीं किया गया.

धरने के दौरान हुआ था लाठीचार्ज

अस्पताल परिसर में चल रहे ग्रामीणों के धरने में जब नरेश मीणा पहुंचे तो लोग उग्र हो गए. काफी समय तक जब कोई जनप्रतिनिधि उनसे बात करने नहीं पहुंचा तो ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प शुरू हो गया, जिसके बाद भीड़ को काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और मीणा समेत कुछ लोगों हिरासत में ले लिया. 

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थप्पड़कांड में मिली थी सशर्त जमानत

याद दिला दें कि उपचुनाव के दौरान नरेश मीणा का एक SDM को थप्पड़ मारते हुए वीडियो वायरल हुआ था, जिस मामले में उन्हें सिर्फ इस शर्त पर जमानत मिली थी कि वे आगे ऐसी हरकत नहीं करेंगे. लेकिन 25 जुलाई को झालावाड़ अस्पताल में ICU के बाहर धरना देने और सेवाएं बाधित करने के कारण अब उन्हें फिर से जेल का सामना करना पड़ रहा है.

नरेश मीणा पर पहले से 24 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें मारपीट, हाईवे जाम, पत्थरबाजी और चोरी जैसे मामले शामिल हैं. इनमें से 7 केसों की जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई. जबकि अन्य 16 केस कोर्ट में लंबित हैं.

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