जयपुर से केरल भेजी जाएगी मां काली की 18 फीट ऊंची मूर्ति, संगमरमर की सबसे ऊंची मूर्ति होने का दावा

राजस्थान के जयपुर में मां काली की मूर्ति मूर्ति संगमरमर के पत्थर की बनाई गई है. और इस विशाल मूर्ति को तिरुवनंतपुरम के पूर्णमिकावु मंदिर में भेजा जाएगा.

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Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक भव्य मां काली की मूर्ति बनाई जा रही है. यह मूर्ति करीब 18.5 फीट ऊंची है. बताया जा रहा है कि यह मूर्ति संगमरमर के पत्थर की बनाई गई है. और इस विशाल मूर्ति को तिरुवनंतपुरम के पूर्णमिकावु मंदिर में भेजा जाएगा. इन दिनों यह मां काली की मूर्ति काफी सुर्खियों में है. वहीं इस मूर्ति के साथ अगर इसके आधार को जोड़ा जाए तो यह मूर्ति करीब 23 फीट की हो जाएगी.

जयपुर के प्रसिद्ध मूर्तिकार मुकेश भारद्वाज ने राजस्थान के भैंसलाना से 45-50 टन वजनी संगमरमर के एक ही पत्थर से इस मूर्ति को बनाया है तथा इसे केरल के मंदिर में देवी दुर्गा और राजा मातंगी देवी की 12 फुट ऊंची मूर्तियों के बगल में स्थापित किया जाएगा.

इस 18.5 फुट ऊंची मूर्ति के 'पीदम' (आधार) को शामिल करने के बाद देवी काली की मूर्ति की ऊंचाई 23 फुट हो गई है.

संगमरमर की पत्थर की सबसे ऊंची मूर्ति का दावा

मंदिर के मुख्य क्यूरेटर एम एस भुवनचंद्रन ने कहा, 'देवी काली की मूर्ति, देवी दुर्गा और देवी लक्ष्मी की मूर्ति का स्थापना समारोह राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के समान होगा.' उन्होंने दावा किया कि यह संगमरमर के एक ही पत्थर से बनी सबसे ऊंची मूर्ति होगी.

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सड़क मार्ग से जाएगी मूर्ति

तीनों मूर्तियां जयपुर से केरल के तिरुवनंतपुरम के वेंगानूर स्थित चावड़ी नाडा स्थित मंदिर में भेजी जा रही हैं. देवी बाला त्रिपुरा सुंदरी देवी को समर्पित पूर्णमिकावु मंदिर दुनिया की सबसे बड़ी पंचमुखी गणेश मूर्ति और 51 'अक्षर देवता' के आवास के लिए प्रसिद्ध है. सड़क मार्ग से जयपुर से तिरुवनंतपुरम की यात्रा के दौरान मूर्तियों के साथ उनके संबंधित 'वाहन' - शेर, बाघ, मोर और हंस भी होंगे. मूर्तियों को पूजा समारोह के बाद रविवार को ले जाने के लिए लादा गया था, लेकिन उनकी यात्रा सोमवार को शुरू होगी.

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