हम दूसरों का बोझ उठाकर दो पैसे कमाकर अपना परिवार चलाते थे. अब हमारे बेटे समाज की जिम्मेदारी उठाएंगे. ये बातें दो कुली शिवराम चौधरी और कैलाश राम की हैं. शिवराम चौधरी का बेटा सौरभ कुमार और कैलाश राम का बेटा बजरंग कुमावत ने नीट की परीक्षा पास कर परिवार और समाज को गौरवान्वित किया है. बेटे के नीट पास करने के बाद उनके चेहरे पर खुशी देखते बन रही थी. इन लोगों ने बताया कि वैसे तो वह दिहाड़ी मजदूरी करते हैं, लेकिन साथी कुली लोगों के सहयोग से अपने बच्चों को डॉक्टरी में एडमिशन दिलवाने में सफल हुए हैं. कुली शिवराम चौधरी और कैलाश राम के बेटों ने नीट की परीक्षा में सफलता हासिल की है.
"घर पर 10 घंटे पढ़ता था बेटा"
शिवराम ने बताया कि उनका बेटा सौरभ निजी कोचिंग में पढ़ाई करता था, और 8 से 10 घंटे घर पर पढ़ता था. तीसरे प्रयास में नीट पास किया. उन्होंने अपने बेटे की पढ़ाई पूरी करवाने के लिए कर्ज भी लिया, और सहयोगी कुलियों ने भी मदद की. सौरभ का नीट की परीक्षा में 523 नंबर आया. वर्तमान में बेंगलुरु में पढ़ाई कर रहा है.
"10वीं क्लास में बनाया लक्ष्य"
शिवराम ने बताया कि सौरभ का लक्ष्य डॉक्टर बनना है, और उसी के चलते उसने लक्ष्य को ध्यान में रखकर पढ़ाई पूरी की. कोरोना काल में सौरभ की मां के बीमार होने पर समुचित चिकित्सा सेवाएं नहीं मिल सकी, तब झोलाछाप डॉक्टरों ने उनकी मां का इलाज किया. उसके बाद सौरभ ने दसवीं क्लास से ही डॉक्टर बनने का निश्चय किया.
कुली के बेटे सौरभ कुमार और बजरंग कुमावत ने नीट पास की.
"पढ़ाई के लिए लेना पड़ा कर्ज"
दूसरे कैलाश राम ने बताया कि कुली के काम में प्रतिदिन निश्चित कमाई नहीं है. बजरंग का शुरू से ही मेडिकल लाइन में जाने का सपना था. उसकी किताबें, फीस और पढ़ाई के लिए उन्हें भी कर्ज लेना पड़ा, और साथी कुलियों का भी सहयोग मिला. आज बजरंग को सफलता मिली है, कैलाश राम के तीन लड़के हैं. बजरंग के अलावा गणेश और देवेंद्र भी पढ़ाई कर रहे हैं. बजरंग का नीट में 541 नंबर आया. बजरंग कर दूसरे प्रयास में चयन हुआ है.
2015 में कुली का बेटा बना था डॉक्टर
दरअसल जोधपुर में बाड़मेर निवासी एक कुली जुगताराम का बेटा खैराज भी 2015 में मेडिकल की पढ़ाई कर डॉक्टर बना था. और अभी वर्तमान में बाड़मेर जिले में ही नौकरी कर रहा है, उसके बाद इन लोगों ने भी अपने बच्चों के लिए कड़ी मेहनत कर डॉक्टर बनाने का सोचा था. एडमिशन होने के बाद में उन्हें खुशी है कि उनके बेटे भी डॉक्टर बन समाज की सेवा करेंगे.
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