Kota News: कोटा में 2 नवजात शिशुओं की मौत, परिजन बोले-वार्ड में मात्र एक कूलर और उसमें पानी भी नहीं था; गर्मी से गई जान

Kota News: राजस्थान के कोटा जिले के सुकेत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो नवजात शिशुओं की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. परिजनों का आरोप है कि दोनों बच्चों की मौत गर्मी के कारण हुई है.

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Kota News: कोटा के सुकेत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 2 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है गर्मी से नवजात की मौत हुई है. परिजनों का आरोप है कि 10 बच्चों के जच्चा बच्चा वार्ड में महज एक ही कूलर लगा हुआ था, जिसमें पानी भी नहीं था. मरीजों के परिजनों ने बताया कि शेष कूलर स्टाफ अपने कमरों में लगा लिए गए, जिसके चलते जच्चा बच्चा वार्ड में एक ही कूलर रह गया. भीषण गर्मी के चलते दो नवजात शिशुओं ने दम तोड़ दिया. अभी जो प्रसूताएं यहां पर भर्ती हैं, उनका कहना है कि उन्हीं के सामने तेज गर्मी के चलते दो मासूम बच्चों ने दम तोड़ दिया. अस्पताल प्रशासन कुछ भी नहीं कर पाया.

कोटा के सुकेत सीएचसी में 10 बेड का जच्चा-बच्चा वार्ड    

कोटा जिले के सुकेत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 10 बेड का जच्चा-बच्चा वार्ड है. सुकेत क्षेत्र में बड़ी तालाब में पत्थर मजदूर रहते हैं, जो प्रसव के लिए सुकेत अस्पताल जाते हैं.  सुकेत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दरबार सिंह की पत्नी सपना ने एक बच्चे को जन्म दिया था. वही सुकेत के समीप लक्ष्मीपुरा गांव निवासी मिथुन यादव की पत्नी सविता ने भी एक बच्ची को जन्म दिया था. दोनों ही बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ थे. मंगलवार को दोनों बच्चों की मौत हो गई है. परिजनों का आरोप है कि गर्मी से उनके बच्चों की मौत हुई है.   

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वार्ड में मात्र एक कूलर और पानी भी नहींं था    

परिजनों का आरोप है कि पूरे वार्ड में मात्र एक कूलर लगा हुआ था, जिसमें भी पानी नहीं था. दो पंखे चल रहे थे. पंखे और कूलर तेज गर्म हवाएं फेंक रहे थे, जिसकी शिकायत बच्चों के परिजनों ने स्टाफ से की. आरोप है कि शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड में कुल चार कूलर हैं, जिसमें से 3 को नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों ने अपने कक्ष में लगा लिया था.  जच्चा-बच्चा वार्ड में एक ही कूलर रह गया था. मंगलवार को तापमान अपने चरम पर था. जैसे-जैसे तापमान बढ़ता गया वैसे ही बच्चों की हालत बिगड़ती गई. दोनों बच्चों ने आखिरकार दम तोड़ दिया. 

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साकेत सीएचसी में दो नवजात बच्चों की मौत हो गई.

परिजनों का आरोप मरे हुए बच्चे को कर दिया रेफर 

मृतक बच्चे के पिता दरबार सिंह ने बताया कि उसके बच्चे की तबीयत बराबर बिगड़ती जा रही थी. उसने जब चिकित्सकों को बताया तो एक नर्स ने उससे कहा कि बच्चे को रेफर करा कर झालावाड़ ले जाओ. जब वह अपने बच्चे के पास पहुंचा तो  उसकी मौत हो चुकी थी. आरोप लगाया कि बच्चे की मौत के बाद भी सुकेत सामुदायिक केंद्र की एएनएम अपनी जिद पर अड़ी रही. उसने मरे हुए बच्चे को ही रेफर कर दिया.  ऐसे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मामले में हस्तक्षेप किया तो सब बच्चे को झालावाड़ अस्पताल में भिजवाने की व्यवस्था की किंतु चिकित्सकों की राय के अनुसार बच्चों की लगभग एक से डेढ़ घंटा पूर्व ही मौत हो गई थी. 

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मामला तूल पकड़ा तो लगा दिया कूलर-पंखा

मामले ने जब तूल पकड़ा तो अस्पताल प्रशासन और चिकित्सा विभाग जागा तथा अस्पताल की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में जुट गया. वार्ड में कूलर पंखे लगा दिए गए हैं. तब तक 2 बच्चे अपनी जान गवा चुके थे, जिनके परिजन आज भी सदमे में हैं. 

बच्चे की मौत पर जांच टीम गठित 

कोटा स्वास्थ्य विभाग ने टीम का गठन किया. मामले की जांच शुरू की. टीम की अगुवाई चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर एमपी सिंह ने की. बुधवार यानी 29 मई को टीम के साथ बुधवार को सुकेत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जांच करने पहुंचे. टीम के लीडर डॉक्टर एमपी सिंह ने एनडीटीवी को बताया कि फिलहाल मामले की जांच चल रही है, जिसमें उन्होंने प्रथम दृष्टया  बच्चों की मौत गर्मी से होने की बात से इनकार किया. लेकिन, उन्होंने बच्चों की मौत को सामान्य भी करार नहीं दिया. दोषियों को विरुद्ध कार्रवाई की बात कही. 

लक्ष्मीपुर गांव में पसरा सन्नाटा

एनडीटीवी की टीम लक्ष्मीपुर निवासी मिथुन यादव के घर पहुंची. गांव में पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ था.  मिथुन यादव के घर में मातम का माहौल था.  कुछ लोग उसके घर के बाहर बैठे हुए थे.  मिथुन यादव ने बताया कि उसका बच्चा पूरी तरह ठीक था. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ने लगी उसकी हालत बिगड़ती चली गई. तेज गर्मी के चलते उसकी मौत हो गई.  मिथुन और उसकी पत्नी सविता ने कहा कि मामले के दोषियों को सजा मिलना चाहिए. जो उनके साथ हुआ वह नहीं चाहते कि किसी और के साथ भी ऐसा हो. उन्होंने बताया कि ना तो उनके बयान हुए हैं ना ही जांच के लिए कोई सरकारी प्रतिनिधि उनके पास आया है.  ऐसे में वह इस पूरी कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है. 

बच्चे की मौत पर परिजन ने जताई नाराजगी 

दूसरी तरफ दरबार सिंह ने भी उसके बच्चे की मौत को लेकर नाराजगी जताई. अस्पताल के कर्मचारियों पर उसके मरे हुए बच्चे को रेफर करने का आरोप लगाया. लापरवाही बरतने की बात भी कही.  दरबार सिंह ने बताया कि बच्चों की मौत के बाद उसकी पत्नी की हालत खराब है. दरबार सिंह ने भी यही मांग रखी की सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करके सख्ता सजा दी जाए. 

उप प्रधान ने भी लगाए गंभीर आरोप

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुकेत में टीम के जांच के लिए आने की सूचना मिलते ही उप प्रधान सुनील गौतम भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. वह जांच टीम के सामने अपना पक्ष रखना चाहते थे. आरोप है कि जांच टीम ने ना तो पीड़ित परिवारों को बुलवाया ना ही उप प्रधान को अपने आने की सूचना दी. गुपचुप तरीके से यहां आकर जांच टीम वापस लौट गई. उप-प्रधान सुनील गौतम ने जोरदार विरोध जताते हुए मामले की उच्च स्तर से जांच करवाने की मांग रखी. उन्होंने कहा कि वह चिकित्सा मंत्री तक इस बात को लेकर जाएंगे. उप प्रधान सुनील गौतम ने खुले तौर पर सुकेत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्थाओं का आरोप लगाया. बच्चों की मौत के लिए यहां तैनात चिकित्सकों और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया. 

कोटा सीएमओ ने आरोपों किया खारिज 

मामले को लेकर कोटा मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी जगदीश कुमार सोनी सभी आरोपी को सिरे से खारिज कर रहे हैं.  उनका कहना है कि बच्चों की मौत गर्मी के कारण नहीं हुई. उनको पहले ही डिस्चार्ज कर दिया गया था. गर्मी से निपटने के पूरे इंतजाम हैं.