16 साल से राजस्थान के इस स्कूल में क्यों पड़े हैं वसुंधरा के फोटो लगे 22 हज़ार स्कूल बैग, गल-सड़ भी गए 

राजस्थान के बालिका स्कूल में 22 हजार बैग पड़े हैं. इनकी कहानी भी दिलपचस्प है.

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Rajasthan News: जब देश में कांग्रेस सरकार थी तब देश मभर में सर्व शिक्षा अभियान‎ के तहत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय खोले गए थे. इस योजना का शुभारम्भ 2006-07 में किया गया. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना सार्थक बनाने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में पढ़ाई होती है. इन आवासीय स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाओं के लिए 2008 में वसुंधरा सरकार ने सीएम के फोटो लगे बैग वितरण करने के लिए भेजे गए. बैग बालिकाओं को दिए जाते, उससे पहले ही प्रदेश में भाजपा की ससरकार बदल गई और बैग बंट नहीं पाए.

ठंडे बस्ते में चला गया बस्तों का मामला 

चित्तौड़गढ़ जिले में इन बालिकाओं के लिए 22 हजार 300 बैग आए थे जो अब 16 साल से सीलबंद कमरे में बंद हैं. 16 साल से बंद बैग अब सड़ गल गए हैं. सरदर्द बने इस बोझ के बारे में विद्यालय प्रशासन दर्जनों बार ऊपरी अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं पर बस्तों का यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है. साल 2008 में तत्कालीन सरकार ने जाते-जाते प्रदेश के सरकारी स्कूलों की बच्चियों को निशुल्क बैग बांटना तय किया था.

शिक्षा विभाग ने आनन-फानन में एक फर्म को ठेका देकर तत्कालीन CM वसुंधरा राजे के फोटो लगे बैग तैयार करवाए थे. कुछ तो जिलों में तो बैग बंट गए लेकिन बाकी बंटते उससे पहले ही सरकार बदल गई. चित्तौड़ जिले के लिए 22 हजार 300 बैग की खेप गंगरार के कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय के वार्डन कक्ष में खाली कराई गई थी.

(अधिकारियों के वर्ज़न के साथ खबर अपडेट की जायेगी )