Rajasthan News: राजस्थान की ग्रामीण राजनीति और प्रशासनिक फैसलों के खिलाफ चल रहा एक बड़ा आंदोलन अब चरम पर पहुंच गया है. दौसा जिले के बांदीकुई विधानसभा क्षेत्र में पंचायत समिति पुनर्गठन को लेकर ग्रामीणों का विरोध इतना तेज हो गया है कि 23 ग्राम पंचायतों ने 'लॉकडाउन' का आह्वान कर दिया है. इसका मतलब है कि इन सभी 23 ग्राम पंचायतों के सरकारी भवनों पर ताले लटका दिए जाएंगे और सरकारी कामकाज ठप रहेगा.
बैजूपाडा में नहीं जाना चाहते ग्रामीण?
विरोध की जड़ दौसा जिले के बडियाल कला क्षेत्र में है. यहां के ग्रामीणों की मांग है कि बडियाल कला को ही नई पंचायत समिति घोषित किया जाए. लेकिन जिला प्रशासन ने पुनर्गठन के तहत यहां की 23 ग्राम पंचायतों को बैजूपाडा पंचायत समिति में जोड़ने का फैसला किया है. ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि यह फैसला 'जनभावनाओं के खिलाफ' है. यह निर्णय न केवल दूरी और सुविधा के मामले में अव्यावहारिक है, बल्कि यह उनकी पुरानी सामाजिक और प्रशासनिक इकाइयों को भी तोड़ता है. संघर्ष समिति के अध्यक्ष सियाराम रलावता की अगुवाई में हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह बड़ा फैसला लिया गया. सभी 23 ग्राम पंचायतों के भवनों पर आज 11 बजे से तालाबंदी कर दी जाएगी, जिससे सरकारी कामकाज पूरी तरह रुक जाएगा.
10 दिन से धरने पर बैठे हैं ग्रामीण
यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ तालाबंदी तक सीमित नहीं है. बडियाल कला उपतहसील के बाहर पिछले 10 दिनों से लगातार धरना-प्रदर्शन जारी है और आंदोलन तेज होता जा रहा है. समय सिंह बासड़ा का आमरण अनशन आज सातवें दिन भी जारी है. उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है. बीते दिनों अनशन पर बैठी संतोष कटारिया का अनशन जिला प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से सहमति लेकर तुड़वाया था. ग्रामीणों का कहना है कि वे तब तक धरने से नहीं हटेंगे, जब तक उनकी मुख्य मांग, यानी बडियाल कला को नई पंचायत समिति घोषित करने की मांग पूरी नहीं हो जाती.
प्रशासन का आश्वासन टूटा, नाराजगी बढ़ी
इस पूरे प्रकरण में जिला प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. 27 नवंबर को बडियाल कला में हुई महापंचायत के बाद जिला प्रशासन ने आंदोलनकारियों से पांच दिन का समय मांगा था ताकि समाधान निकाला जा सके. लेकिन 5 दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस समाधान या आधिकारिक आश्वासन नहीं दिया गया है. प्रशासन के इस ढीले रवैये ने ग्रामीणों की नाराज़गी को और बढ़ा दिया है, जिसके चलते उन्हें 'पंचायत लॉकडाउन' जैसा कड़ा कदम उठाना पड़ा है.
नेशनल हाईवे जाम करने की चेतावनी
संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे राष्ट्रीय राजमार्ग को भी जाम करने के लिए मजबूर होंगे, जिससे दौसा जिले में बड़ा यातायात संकट खड़ा हो सकता है. दौसा प्रशासन को अब तत्काल इस गंभीर स्थिति को संभालना होगा, क्योंकि एक दर्जन से अधिक गांवों में सरकारी कामकाज ठप होने से आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
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