World Most Polluted City: दुनिया के 25 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में राजस्थान के तीन शहर शामिल, यहां देखें पूरी लिस्ट

IQAir 2024 World Air Quality Report: इस रिपोर्ट के मुताबिक, एयर पॉल्यूशन भारत में स्वास्थ्य पर एक बड़ा बोझ बना हुआ है जिससे लोगों की उम्र 5.2 सालों तक कम हो रही है.

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दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में राजस्थान के तीन शहर शामिल हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Rajasthan News: दुनिया के 25 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में राजस्थान के तीन शहर शामिल हैं. 16वें नंबर पर श्रीगंगानगर (Sri Ganganagar), 19वें नंबर पर भिवाड़ी (Bhiwadi) और 21वें नंबर पर हनुमानगढ़ (Hanumangarh) शहर का नाम है. ये तीनों NCR रीजन से लगते हुए शहर हैं, इस वजह से प्रदेश के बाकी शहरों की तुलना में यहां पॉल्यूशन सबसे ज्यादा है. ये रैंकिंग IQAir की 2024 वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट में दी गई है. इस लिस्ट में मेघालय का बर्नीहाट (Byrnihat) शहर दुनिया में सबसे प्रदूषित है. वहीं देश की राजधानी नई दिल्ली इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है.

5.2 साल कम हो रही इंसानों की उम्र

इस रिपोर्ट के मुताबिक, एयर पॉल्यूशन भारत में स्वास्थ्य पर एक बड़ा बोझ बना हुआ है, जो इंसानों की उम्र 5.2 सालों तक कम कर रहा है. भारत के 35 प्रतिशत शहरों में PM2.5 का लेवल WHO के दिशा-निर्देशों से 10 गुना ज्यादा है. इन शहरों में पॉल्यूशन गाड़ियों-फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं, कंस्ट्रक्शन के दौरान उड़ने वाली धूल और फसलों के जलाने की वजह से बढ़ता जा रहा है. दिल्ली में गाड़ियों से निकले वाला धुआं पॉल्यूशन का सबसे बड़ा कारण है. वहीं पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से सर्दियों में पॉल्यूशन लेवल खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है.

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दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बनी दिल्ली.

'साफ हवा में सांस लेना एक मौलिक अधिकार'

अक्टूबर 2024 में, सुप्रीम कोर्ट ने 'साफ हवा में सांस लेना एक मौलिक अधिकार है' बयान दोहराते हुए, और दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को प्रदूषण के खिलाफ कड़े कदम उठाने का आदेश दिया था. हालांकि, नवंबर की सुनवाई में, कोर्ट ने खतरनाक वायु गुणवत्ता वाले दिनों में प्रदूषण को कम करने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) को लागू करने में "गंभीर चूक" के लिए दिल्ली के अधिकारियों की तीखी आलोचना की थी.

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टॉप 25 शहरों की लिस्ट में राजस्थान के तीन शहर शामिल हैं.

क्यों कंट्रोल नहीं हो पा रहा पॉल्यूशन लेवल?

WHO के अनुसार, 2021 में 81 लाख लोगों की मौत एयर पॉल्यूशन की वजह से हुई थीं, जिनमें से 58 प्रतिशत PM2.5 के संपर्क में आने से हुईं. संयुक्त राष्ट्र ने स्वच्छ हवा को सार्वभौमिक मानव अधिकार घोषित किया है, जो भारत के वायु प्रदूषण संकट से निपटने के लिए मजबूत नीतियों और प्रवर्तन की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है. लेकिन प्रदूषण के स्तर को कम करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम जैसे सरकारी उपायों के बावजूद, असंगत नीति कार्यान्वयन और अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के कारण चुनौतियां बनी हुई हैं.

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