राजस्थान में 30 गांवों का संपर्क टूटा... कॉलोनियां डूबी-यातायात ठप, सैलाब में समा गए 200 घर

मानसून की बारिश से करीब 93 लोगों की मौत हो गई है. इसमें कुछ लोगों की मौत डूबने और बहने से हुई है. जबकि कुछ लोगों की मौत वज्रपात से भी और कुछ लोगों की मौत अन्य कारणों से भी हुई है.

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Rajasthan Rain: राजस्थान में लगातार रुक-रुक कर मानसून की बारिश हो रही है. जहां आसमान से पानी आफत बन रही है. वहीं नदियों में उफान आने से गांव से लेकर शहर की सड़कों तक पानी भर गया है. राजस्थान अलग-अलग जिलों से बारिश और पानी की जो अपडेट आ रही है, वह काफी परेशान कर देने वाला है. बताया जा रहा ही कि कई गांवों से संपर्क टूट गया है. वहीं शहर में कॉलोनियों में पानी भर गया है, जिससे लोग का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. बारिश और जलभराव को देखते हुए स्कूलों में भी छुट्टी का ऐलान कर दिया गया है. राजस्थान में करीब 19 जिलों में स्कूल बंद का ऐलान किया गया है. वहीं बारिश और जलभराव से लोगों की जान भी जानी शुरू हो गई है.

रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक मानसून की बारिश से करीब 93 लोगों की मौत हो गई है. इसमें कुछ लोगों की मौत डूबने और बहने से हुई है. जबकि कुछ लोगों की मौत वज्रपात से भी और कुछ लोगों की मौत अन्य कारणों से भी हुई है.

स्कूल बंद का ऐलान

मौसम विभाग लगातार बारिश को लेकर लगातार अलर्ट जारी कर रहा है. वहीं गांव और कॉलोनियों के डूबने की खबर से अब भय का माहौल बन रहा है. मौसम विभाग के लगातार अलर्ट की वजह से प्रशासन ने भी स्कूल की छुट्टी की घोषणआ कर दी है. 25 अगस्त को 19 जिलों के स्कूलों में छुट्टी का ऐलान किया गया था. जिसमें सीकर, करौली, कोटा, खैरथल-तिजारा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, अजमेर, कोटपूतली-बहरोड़, सिरोही, बूंदी, भीलवाड़ा, उदयपुर और सवाई माधोपुर जिले का नाम शामिल है.

प्रतापगढ़ में 30 गांवों से टूटा-संपर्क

प्रतापगढ़ जिले में लगातार रुक-रुककर हो रही बारिश के चलते घंटाली-अरनोद मुख्य मार्ग स्थित जामली रपट पुलिया पर पानी की चादर बहने लगी है. इससे करीब 30 गांवों का संपर्क कट गया है. हालात ऐसे हैं कि ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पुल पार करने को मजबूर हैं. बरसात के दिनों में हर साल इसी समस्या का सामना करना पड़ता है. जिससे स्कूली बच्चों, मरीजों और आमजन को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. 

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जालोर में भी हालात बिगड़े

जालोर के सियाणा में बारिश से हालत बिगड़ रहे हैं. नदियों का पानी अब कॉलोनियों में पहुंच रहा है, जिससे कॉलोनियां जलमग्न हो गई है. जबकि यातायात ठप पड़ गया है. सियाणा बस स्टैंड पर उनला नाला का पानी घुटनों से ऊपर बह रहा है, जिससे कस्बे में प्रवेश बड़ी समस्या बन गया है. वहीं सुकड़ी नदी (सियाणा-चांदना मार्ग) और खारी नदी (चांदना-भेटाला मार्ग) उफान पर हैं, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित है.

बूंदी में 200 से अधिक घर सैलाब में समाए

बूंदी जिले में पिछले दिनों हुई लगातार भीषण बरसात ने जन जीवन पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है. मेज नदी तबाही मचाने वाली रही. इस नदी ने हजारों लोगों को प्रभावित कर दिया बेघर कर दिया. जिले के देलूंदा, रियाना, ख्यावदा, भाटों का खेड़ा, माली पाड़ा गावो में लाखों का नुकसान हुआ है. इन गांव में करीब 200 से अधिक कच्चे पक्के मकान पानी के सैलाब में समा गए. इस खौफनाक मंजर से हजारों लोग सुरक्षित निकले और अपनी जान बचाई. कई लोगों ने सेना के जवानों के रेस्क्यू अभियान का हिस्सा बनकर अपनी जान बचाई तो कई लोग अपने स्तर पर जान बचाकर किनारे पहुंचे. 

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सीकर में भारी बारिश से निचले इलाकों में भरा पानी

सीकर जिले में आज दोपहर बाद फिर से अचानक मौसम का मिजाज बदल गया और नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर सहित आसपास के क्षेत्र में जमकर बारिश हुई. बारिश के चलते तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई. इसके साथ ही लोगों को गर्मी और उमस से बड़ी राहत मिली. लेकिन दूसरी ओर मूसलाधार बारिश से शहर की सड़क दरिया बन गई. नीमकाथाना में बारिश से कई कालोनियां पूरे तरीके से जलमग्न हो गई साथ कई निचले इलाकों में पानी भराव की समस्या होने से वाहन चालकों एवं आमजन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. क्षेत्र में हुई बारिश के बाद लोगों की दिनचर्या में भी बदलाव देखने को मिला. बारिश से नदी नाले में भी पानी की आवक शुरू हो गई जिले के सबसे बड़े बांध रायपुर बांध में भी पानी की आवक हुई इसके साथ ही दीपावास एनीकेट ओर रेला बांध पूरे तरीके से लबालब हो गया और चादर चलने लगी है.