Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ नगर परिषद में पट्टो को लेकर धांधली एवं नगर परिषद आयुक्त अशोक शर्मा की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए शुक्रवार को 4 भाजपा पार्षद एवं तीन अन्य व्यक्ति झालावाड़ के गढ़ परिसर स्थित पानी की टंकी पर जा चढ़े. वह अपने साथ पेट्रोल भी लेकर चढ़े हैं तथा किसी के भी ऊपर आने की बात पर आत्मदाह की धमकी दे रहे हैं. ये सभी पार्षद नगर परिषद आयुक्त द्वारा की गई कार्रवाई से नाराज हैं, और अपना विरोध जताने के लिए पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन कर रहे हैं.
पार्षदों के नाराजगी की वजह क्या है?
पानी की टंकी पर चढ़ने वाले पार्षदों ने बताया कि उनके द्वारा अनियमितताओं को लेकर जब आवाज उठाई गई और नगर परिषद में भ्रष्टाचार के मामले बताए गए तथा मामलों को लेकर पार्षदों ने वार्ड वासियों के साथ नगर परिषद कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया तो नगर परिषद कर्मचारियों ने पट्टो के आवेदन की फाइल गायब होने की बात कह दी. लेकिन बाद मे इसी प्रदर्शन के मामले को लेकर नगर परिषद आयुक्त अशोक शर्मा ने पार्षदों और अन्य लोगों के खिलाफ कोतवाली पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवा दिया था. इसके बाद आज नगर परिषद के चार पार्षद एवं एक पार्षद पति नगर परिषद आयुक्त के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर शहर के गढ़ परिसर स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए और तिरंगा लगाकर नारेबाजी कर प्रदर्शन कर रहे हैं.
नगर परिषद आयुक्त को सस्पेंड करने की मांग
नगर परिषद के प्रदर्शनकारी पार्षदों का कहना है कि नगर परिषद आयुक्त को धांधली और भ्रष्टाचार के मामले में सस्पेंड कर झालावाड़ से हटाया जाए और पट्टा वितरण कार्य में हुई धांधली की जांच की जाए. साथ ही पार्षदों के खिलाफ दर्ज कराए गए झूठे मुकदमें भी वापस लिया जाएं. पार्षदों को समझने के लिए मौके पर झालावाड़ उपखंड अधिकारी पुलिस, उपाधीक्षक, नगर परिषद आयुक्त तथा सभापति मौके पर पहुंचे हैं, किंतु फिलहाल बात नहीं बन पा रही है. पार्षद अपनी मांगों को लेकर जिद पर अड़े हुए हैं तथा आयुक्त को हटाने की मांग कर रहे हैं.
कई बार हो चुका है आयुक्त का ट्रांसफर
आपको बता दें कि झालावाड़ के नगर परिषद आयुक्त जिनके विरुद्ध पार्षद प्रदर्शन कर रहे हैं उनको लगभग आधा दर्जन बार झालावाड़ नगर परिषद आयुक्त के पद से हटाया जा चुका है, तथा तीन बार उनका तबादला भी यहां से हो चुका है. हाल ही में लगभग 2 महीने पहले भी उनका स्थानांतरण टोंक कर दिया गया था, किंतु आयुक्त अपने रासुख के चलते पुनः झालावाड़ तबादला करवा लेते हैं या वापस चार्ज उन्हीं के पास आ जाता है. इस बात को लेकर भी झालावाड़ शहर की जनता और पार्षदों में काफी रोष व्याप्त है.