Village Bandh In Rajasthan: राजस्थान में 29 जनवरी को बंद रहेंगे 45 हज़ार गांव, सरकार हुई सतर्क ; जानें क्या है पूरा मामला ?

Rajasthan News: इस बंद के तहत आपातकालीन स्थितियों को छोड़कर कोई भी ग्रामीण व्यक्ति बस, जीप, रेल या अन्य किसी भी यातायात साधन का उपयोग नहीं करेगा. यदि किसी व्यक्ति को गांव का कोई उपयोग उत्पाद खरीदना होगा तो उसे गांव में जाकर खरीदने की छूट रहेगी.

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किसानों को MSP दिलाने सहित किसानों की विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर किसान महापंचायत द्वारा 29 जनवरी को राजस्थान में गांव बंद आंदोलन का ऐलान किया है. इसके तहत राजस्थान के विभिन्न जिलों के 45537 गांव 29 जनवरी को बंद रहेंगे. इस संबंध में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट अनेक जिलों में जाकर गांवों का दौरा कर रहे हैं और किसानों से बंद को सफल बनाने का आह्वान कर रहे हैं. इसके बाद सरकार सतर्क हो गई है. 

गांवों का दौरा कर रहे किसान नेता 

इसी क्रम में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट आज डीडवाना पहुंचे और किसान विश्राम गृह में किसानों से मुलाकात की. इस मौके पर पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि गांव बंद का प्रमुख उद्देश्य खेत को पानी और फसल को उचित दाम दिलाना है. खेत को पानी के लिए सिंचाई परियोजना प्राथमिकता से बनाने तथा फसल को उचित दाम के लिए एमएसपी की गारंटी कानून यथाशीघ्र बनाने तथा फसल खराबे का मुआवजा दिलाने की मांग प्रमुख है.

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उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के तहत राजस्थान के गांव बंद रखे जाएंगे, जिसका अभिप्राय यह है कि गांव का व्यक्ति गांव में ही रहे और गांव का उत्पाद गांव में रहे. अभी तक किसानों को आंदोलन की लड़ाई में अपनी कमाई छोड़ना पड़ता था, जबकि इस आंदोलन में गांव का व्यक्ति गांव में रहते हुए अपनी कमाई भी कर सकेगा और अपने हक की लड़ाई भी लड़ सकेगा.

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गांव का कोई शख़्स नहीं करेगा यातायात साधनों का उपयोग 

इस बंद के तहत आपातकालीन स्थितियों को छोड़कर कोई भी ग्रामीण व्यक्ति बस, जीप, रेल या अन्य किसी भी यातायात साधन का उपयोग नहीं करेगा. यदि किसी व्यक्ति को गांव का कोई उपयोग उत्पाद खरीदना होगा तो उसे गांव में जाकर खरीदने की छूट रहेगी.

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इससे खरीदने वालों को शुद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण उत्पाद मिल सकेगा, वहीं खाद्य वस्तुओं में मिलावट के दुष्परिणामों से बचने का विकल्प भी उपलब्ध रहेगी. उन्होंने कहा कि इस बंद का प्रयोग ब्रह्मास्त्र के रूप में किया जाएगा, जिसके परिणाम स्वरूप मोलभाव की शक्ति किसान के पास आ जाएगी और वह अपने उत्पाद का दाम स्वयं निर्धारित कर सकेगा.