Rajasthan Children Missing: जयपुर में रहस्यमय तरीके से 6 बच्चे लापता, सभी लगते हैं एक-दूसरे के भाई, एक नोट ने पुलिस को उलझाया!

जयपुर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. शहर के अलग-अलग इलाकों से एक ही परिवार के 6 बच्चे रहस्यमय तरीके से लापता हो गए हैं. पुलिस को मिला एक नोट, जिसमें बच्चों ने लिखा है कि उन्हें 5 साल तक मत ढूंढना.

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रहस्यमयी नोट और बदले हुए कपड़े: जयपुर में 6 बच्चों का क्या हुआ

Rajasthan News: पिंक सिटी जयपुर, जो अपनी खूबसूरती और संस्कृति के लिए मशहूर है, इन दिनों एक अजीब से रहस्य से जूझ रही है. यहां शहर के अलग-अलग इलाकों से एक साथ 6 नाबालिग बच्चे रहस्यमय तरीके से लापता हो गए हैं. इन बच्चों में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ये सभी आपस में भाई या चचेरे भाई हैं. यह मामला तब सामने आया जब एक के बाद एक परिवारों ने अपने बच्चों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस को भी समझ नहीं आ रहा है कि आखिर ये बच्चे गए कहां और क्यों? क्योंकि मामला किसी आम गुमशुदगी का नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश का लग रहा है.

अधूरा नोट और खाली घर का सन्नाटा

इस पूरी कहानी की शुरुआत सांगानेर से होती है, जहां से दो सगे भाई नितिन सिंह (9) और मोहित सिंह (10) और उनका चचेरा भाई अरमान (9) लापता हो गए. बच्चों के पिता विजय सिंह ने बताया कि 14 अगस्त को तीनों स्कूल के लिए निकले थे, लेकिन शाम तक वापस नहीं आए. जब उन्होंने स्कूल में पता किया तो मालूम चला कि बच्चे स्कूल पहुंचे ही नहीं थे. घर में तलाशी लेने पर एक हैरान कर देने वाला नोट मिला. इसमें बच्चों ने लिखा था, 'परिवार हमें 5 साल तक सर्च न करे.' इस नोट ने न सिर्फ उनके परिवारों को, बल्कि पुलिस को भी सकते में डाल दिया है.

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मामले से जुड़े मुख्य सवाल

Q1: जयपुर में कितने बच्चे लापता हुए हैं?
A: जयपुर में अलग-अलग इलाकों से एक ही परिवार के कुल 6 बच्चे लापता हुए हैं.

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Q2: बच्चों की उम्र क्या है?
A: लापता हुए बच्चों की उम्र 9 से 15 साल के बीच है.

Q3: क्या बच्चों ने कोई नोट छोड़ा है?
A: जी हां, सांगानेर से लापता हुए बच्चों ने एक नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने परिवार से 5 साल तक उन्हें न ढूंढने के लिए कहा है.

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Q4: क्या यह अपहरण का मामला है?
A: पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है. जिस तरह बच्चों ने कपड़े बदले, नोट छोड़ा और कुछ संदिग्ध लोगों के नाम सामने आए हैं, उससे यह मामला सामान्य गुमशुदगी से कहीं ज्यादा जटिल लग रहा है. पुलिस ने अपहरण की धाराओं में भी केस दर्ज किया है.

Q5: बच्चों को आखिरी बार कहां देखा गया था?
A: सांगानेर से लापता हुए तीन बच्चों को आखिरी बार गांधी नगर रेलवे स्टेशन के पास सीसीटीवी फुटेज में देखा गया था, जहां उन्होंने अपने कपड़े बदले थे.

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स्कूल ड्रेस में नहीं दिखे बच्चे तो हुआ शक

सांगानेर सदर थाना के सीआई अनिल जैमन ने बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें बच्चे गांधी नगर रेलवे स्टेशन के पास दिखे. सबसे अजीब बात यह थी कि उन्होंने अपने स्कूल यूनिफॉर्म की जगह दूसरे कपड़े पहने हुए थे. इससे साफ हो गया कि यह कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं, बल्कि सोची-समझी प्लानिंग थी.

करणी विहार और रामगंज का भी यही हाल

इस घटना के ठीक बाद, जयपुर के करणी विहार इलाके से भी दो बच्चों के लापता होने की खबर आई. करणी विहार थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक, संजय सिंह और समीर सिंह नाम के दो चचेरे भाई 15 अगस्त को घर से निकले थे और वापस नहीं लौटे. इन बच्चों के परिवार को भी एक रहस्यमय फोन कॉल आया था, जिसमें सामने वाला शख्स अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहा था.

कुलदीप गुर्जर नाम के व्यक्ति को ढूंढ रही पुलिस

बच्चों के एक दोस्त ने पुलिस को बताया कि वे दोनों एक बेकरी पर गए थे, जहां उन्होंने कोल्ड्रिंक और कुरकुरे खरीदे. उन्होंने पैसे नहीं दिए और कहा कि कुलदीप गुर्जर नाम का कोई शख्स बाद में पेमेंट कर देगा. पुलिस को पता चला है कि कुलदीप नाम का यह व्यक्ति करीब 4 साल पहले उनके घर के पीछे किराये पर रहता था. अब पुलिस इस कुलदीप की तलाश कर रही है.

इसके अलावा, रामगंज इलाके से भी अबू नाम का एक और बच्चा लापता है, जिसकी उम्र भी करीब 15 साल है.

पुलिस के लिए चुनौती और अनसुलझे सवाल

जयपुर में इतने बच्चों का एक साथ, और एक ही तरीके से गायब होना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. पुलिस का मानना है कि यह कोई साधारण भागने का मामला नहीं है. जिस तरह बच्चों ने एक खास नोट लिखा, कपड़े बदले और उनके पीछे किसी कुलदीप गुर्जर जैसे शख्स का हाथ होने की बात सामने आई है, उससे साफ है कि यह मामला कहीं ज्यादा गहरा है.

क्या ये बच्चे किसी गैंग के प्रभाव में हैं? क्या उन्हें किसी ने बहकाकर अपने साथ ले लिया है? क्या यह बच्चों के बीच कोई अजीब ट्रेंड चल रहा है? या फिर इसका कोई और ही मकसद है? पुलिस की टीमें लगातार बच्चों की तलाश कर रही हैं, लेकिन अभी तक उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली है. इन बच्चों के परिवार सदमे में हैं और बस यही दुआ कर रहे हैं कि उनके लाडले सुरक्षित घर लौट आएं. जयपुर के हर घर में फिलहाल इन्हीं बच्चों की चर्चा है, जिनके लापता होने की वजह किसी को समझ नहीं आ रही.

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