Resident Doctor Strike Rajasthan: कोटा में आज हड़ताल पर चले गए 600 रेजिडेंट डॉक्टर्स, इमरजेंसी में भी नहीं दे रहे सेवाएं

Kota Resident Doctors Strike: डॉ. रवि शर्मा की मौत के 5 दिन बाद चीफ वार्डन सहित तीन कर्मचारियों को उनके पदों से हटा दिया गया था. हालांकि रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि आरोपियों को केवल पद से हटाना काफी नहीं है, उनका निलंबन होना चाहिए. इसीलिए हड़ताल जारी है.

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कोटा में विरोध प्रदर्शन करते रेजिडेंट डॉक्टर्स की तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान के कोटा जिले में बुधवार सुबह करीब 600 रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं. अस्पतालों में मरीजों की लंबी लाइनें लगी हैं, लेकिन इलाज करने के लिए डॉक्टर्स की कमी पड़ रही है. हड़ताल के कारण कई ऑपरेशन टाल दिए गए हैं, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सीनियर डॉक्टरों ने फिलहाल ग्राउंड पर मोर्चा संभाल रखा है, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टरों की अनुपस्थिति में चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित हो रही है.

RDA के अध्यक्ष ने क्या कहा

कोटा में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हेमंत शर्मा ने कहा, 'न्याय की इस लड़ाई में हमारी प्रशासन से मांग है कि एक सकारात्मक रवैया अपनाते हुए जल्द से जल्द डॉ. रवि शर्मा के केस की जांच की जाए ताकि आमजन को होने वाली परेशानी से राहत मिल सके. हड़ताल की वजह से रेजिडेंट डॉक्टर्स ही नहीं गरीब, पीड़ित लोग भी परेशान हो रहे हैं. हम मरीजों की पीड़ा को समझते हैं. इसीलिए हम चाहते हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द हमारी मांग मान ले ताकि हम काम पर वापस लौट सकें.'

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डॉ. रवि शर्मा का केस क्या है?

उदयपुर के रविंद्रनाथ टैगोर मेडिकल कॉलेज के छात्रावास (RNT Medical College Hostel) में 18 जून की देर रात 'वॉटर कूलर' से पानी भरते समय कथित तौर पर करंट लगने से 35 वर्षीय डॉक्टर रवि शर्मा की मौत हो गई थी. इसके बाद गुस्साए रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया और हादसे की जिम्मेदारी तय करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. शुरुआत में ये सिर्फ 2 घंटे के लिए होती थी, जिसमें इमरजेंसी में इलाज जारी रहता था. लेकिन अब रेजिडेंट डॉक्टर्स पूर्ण हड़ताल पर चले गए हैं. प्रदेश के कई हिस्सों में रेजिडेंट डॉक्टर्स इस हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं.

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डॉ. रवि शर्मा कौन हैं?

डॉ. रवि शर्मा खेरवाड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात थे. उनका महाराणा भूपाल सिंह अस्पताल में ट्रांसफर हो गया था. कार्यभार संभालने से पहले वह उदयपुर में RNT मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में रह रहे अपने चचेरे भाई डॉ. प्रशांत से मिलने आए थे. प्रशांत शर्मा ने मीडिया को बताया, 'रवि को बिजली का जोरदार झटका लगा और वह बेहोश हो गए. उनकी चीख सुनकर अन्य रेजिडेंट डॉक्टर उनकी मदद के लिए दौड़े और उन्हें एमबी अस्पताल लेकर गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.' डॉ. शर्मा की आकस्मिक मौत से चिकित्सा समुदाय को गहरा सदमा लगा है. घटना के बाद, रेजिडेंट डॉक्टरों और स्नातक छात्रों ने काम बंद कर दिया और परिसर में नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और नैतिक आधार पर प्रधानाचार्य और हॉस्टल वार्डन के इस्तीफे की मांग की.'

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RNT कॉलेज के 3 कर्मचारी हटाए

डॉ. रवि शर्मा की मौत के 5 दिन बाद, सोमवार को कॉलेज प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया. इस मामले में चीफ वार्डन सहित तीन कर्मचारियों को उनके पदों से हटा दिया गया, जबकि राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए कई अधिकारियों से जवाब-तलब किया. हालांकि रेजिडेंट डॉक्टर्स ने कॉलेज के इस फैसले से नाराजगी जताई, जिसकी वजह से हड़ताल आज 7वें दिन भी जारी है. उनका कहना है कि आरोपियों को केवल पद से हटाना काफी नहीं है, उनका निलंबन होना चाहिए. अब उदयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर्स भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

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