Rajasthan: नाबालिग लड़कियों की खरीद फरोख्त मामले में एक और गिरफ्तारी, कोटा पुलिस ने आढ़ती पर कसा शिकंजा

कोटा SP ने बताया कि बिहार और अन्य राज्यों से गरीब नाबालिग लड़कियों को बीस-तीस हजार रुपये में खरीदकर कोटा लाया जा रहा है, जिन्हें यहां दो से ढाई लाख रुपये में बेचा जा रहा है. जबकि कुछ की कोटा व अन्य जिलों में शादी कर देते हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: कोटा में नाबालिग बालिकाओं की खरीद फरोख्त करने के मामले में पुलिस लगातार शिकंजा कस रही है. अब पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी हेमंत पांचाल बारां जिले का रहने वाला है और कोटा के प्रेम नगर इलाके में निवास करता है. इस मामले में अब तक 4 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जबकि दो महिलाओं सहित छह आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद भी जांच के दायरे में कई चेहरे आ रहे हैं. कोटा के उद्योग नगर इलाके में बिहार-झारखंड सहित अन्य राज्यों से गरीब तबके की नाबालिग लड़कियों को शादी के नाम बेचे जाने का रैकेट चलाया जा रहा था. अन्य राज्यों से गरीब नाबालिग लड़कियों को 20 से 30 हजार रुपये में खरीदकर 2 से 5 लाख रुपए में सौदा किया जा रहा है.

3 नाबालिग बालिकाओं को कराया मुक्त

पुलिस ने बाल कल्याण समिति की मदद से तीन नाबालिग बालिकाओं को बदमाशों के चंगुल से पिछले दिनों मुक्त भी करवाया था. इससे पूर्व कोटा पुलिस ने उद्योग नगर थाना पुलिस ने नाबालिग बच्चियों की खरीद फरोख्त के रैकेट के सरगना को बिहार राज्य के गया से गिरफ्तार किया है. उद्योग नगर थाना पुलिस ने महिला बाल कल्याण समिति के द्वारा रेस्क्यू की गई. दो नाबालिग बच्चियों की काउंसलिंग के जरिए मिली शिकायत के आधार पर केस दर्ज करते हुए आरोपी त्रिलोकचंद मालपानी को दबोचा, जो हाल में उद्योग नगर थाना क्षेत्र के प्रेमनगर अफोर्डेबल हाउसिंग योजना में रहता है. मूल रूप से या आरोपी बारां जिले के छिपाबड़ोद का निवासी है. कोटा में आढ़त का व्यापार करता है. इसकी उम्र 66 साल है.

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30 हजार में खरीदी की ढाई लाख में बेचा

कोटा शहर जिला पुलिस अधीक्षक डॉ अमृता दुहन ने बताया कि 15 मई 2024 को बाल कल्याण समिति कोटा द्वारा दाखिल नाबालिग बालिकाओं की काउसलिंग से मिली शिकायत पर थाना उधोग नगर पर केस दर्ज कर जांच चल रही है. सामने आया कि कोटा से बाहर बिहार और अन्य राज्यों से गरीब नाबालिग लड़कियों को बीस-तीस हजार रुपये में खरीदकर कोटा लाया जा रहा है, जिन्हें कोटा में दो ढाई लाख रुपये में बेच देते हैं. कोटा व अन्य जिलों में नाबालिग बालिकाओं की शादी कर देते हैं. पूर्व में उक्त प्रकरण नाबालिग बालिकाओं का दुर्व्यापार के गिरोह की मुल्जिम दीपिका, गीता सिंह, देवकी नन्दन व सुरेश कुमार को गिरफ्तार कर बाद न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया जा चुका है. आरोपी त्रिलोकचन्द मालपानी फरार था जो बिहार के गया चला गया था, जिस पर पुलिस टीम ने तकनीकी संसाधनों को काम लेते हुए 14 जून को मुल्जिम त्रिलोकचन्द मालपानी को बिहार के गया से गिरफ्तार किया. मुल्जिम त्रिलोकचन्द मालपानी का कोर्ट से पीसी रिमाण्ड पुलिस को मिला. पुलिस इस केस में नाबालिग बालिकाओं के खरीद फरोख्त और गिरोह के अन्य साथियों के बारे जांच कर रही है.

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बाल कल्याण समिति की रही अहम भूमिका

इस पूरे प्रकरण में बाल कल्याण समिति की अहम भूमिका रही है. पुलिस कार्रवाई के बाद बाल कल्याण समिति को सौंपी गई नाबालिग लड़कियों से पूछताछ के बाद बाल कल्याण समिति ने इस पूरे मामले में तार से तार जोड़कर उद्योग नगर थाना पुलिस को समय-समय पर अवगत करवाया. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि अत्यंत गंभीर मामला था. काउंसलिंग के दौरान जो खुलासे हुए इसकी सभी सूचनाओं पुलिस के साथ साझा की गई. कोटा पुलिस ने भी इस मामले में अब शिकंजा कसा है तो कई आरोपी अब इस रैकेट के सामने आ रहे हैं. समिति अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने इस पूरे मामले में और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद जाहिर की है.

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