Rajasthan Politics: 'रात गई बात गई' गहलोत-पायलट के एक सुर से राजस्थान कांग्रेस में उम्मीद की नई किरण, क्या खत्म हो गई दिग्गजों की गुटबाजी?

राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद से ही अशोक गहलोत और सचिन पायलट के रिश्ते सहज नहीं रहे.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के साथ अपनी इस तस्वीर को शेयर किया है
@ashokgehlot51

Rajasthan News: राजस्थान में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की राजनीति में पिछले कई वर्षों से दिग्गज नेताओं अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मतभेदों की चर्चाएं होती हैं. लेकिन अब दोनों ही नेताओं ने खुलकर अपने पुराने मतभेदों को दूर कर आगे बढ़ने के संकेत दिए हैं. चार दिन पहले हाथ मिलाने के बाद एक बार फिर दोनों ही नेताओं ने मतभेद दूर होने के स्पष्ट संकेत दिए हैं. आज, 11 जून को राजस्थान के दौसा जिले में सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई थी जिसमें दोनों नेता साथ दिखे. उनके अलावा गुटबाज़ी के लिए चर्चित रही राजस्थान कांग्रेस में अलग-अलग गुटों के नेता भी इस कार्यक्रम में एक मंच पर साथ नज़र आए. इस कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली तथा पार्टी के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा समेत प्रदेश के कई नेता शामिल हुए.

अशोक गहलोत ने कहा- दूर कब थे?

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दौसा के कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के पायलट के साथ अनबन और अब साथ नज़र आने के बारे में उनसे प्रतिक्रिया मांगी. गहलोत ने अपनी परिचित मुस्कान के साथ मतभेद की ख़बरों को मनगढंत बातें बताते हुए खारिज कर दिया. अशोक गहलोत ने कहा," मैं और पायलट कब अलग थे? हम तो हमेशा से साथ हैं और दोनों में खूब मोहब्बत भी है. अनबन की खबरें तो बस मीडिया चलाती रहती है. हम कभी दूर थे ही नहीं, हमारे बीच प्यार मोहब्बत बनी रहेगी."

अशोक गहलोत से अनबन के बारे में सचिन पायलट ने भी प्रतिक्रिया देते हुए एनडीटीवी के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि "अब रात गई बात गई, हमें आगे बढ़ना है."

Advertisement

पायलट और गहलोत के एक मंच पर दिखने से राजस्थान कांग्रेस में दोनों ही नेताओं के समर्थक उत्साहित हैं. पूर्व मंत्री और सचिन पायलट के करीबी नेता हेमा राम चौधरी ने कहा,"यह बहुत अच्छी बात है कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत साथ आ गए हैं. इन दोनों नेताओं के हाथ मिलाने के बाद हम अब अगला चुनाव जीत सकते हैं."

जब सचिन पायलट गए थे अशोक गहलोत के आवास

पिछले सप्ताह 7 जून को कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर अपने पिता की पुण्यतिथि के कार्यक्रम का निमंत्रण लेकर पहुँचे थे. उनके बीच लगभग एक घंटे की मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी कि दोनों नेताओं में अब सब ठीक हो गया है. दोनों ही नेताओं ने सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की तस्वीरें पोस्ट की थीं. 

Advertisement

गहलोत-पायलट मतभेद

सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच मतभेद वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद खुलकर सामने आ गए थे. वर्ष 2013 में बीजेपी से मिली हार के बाद कमज़ोर समझी जानेवाली कांग्रेस ने इस चुनाव में बीजेपी को मात दी और इसका श्रेय सचिन पायलट को दिया गया. इसके बाद पायलट समर्थकों को आशा थी कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा लेकिन पार्टी हाईकमान ने अशोक गहलोत को राजस्थान का नेतृत्व सौंपा और पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया गया.

Advertisement

इसके बाद दोनों नेताओं के बीच दरार आती गई और उनके संबंध सहज नहीं रहे. वर्ष 2020 के जुलाई में सचिन पायलट ने राजस्थान में कामकाज ठीक से नहीं होने तथा अपने समर्थकों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए विद्रोह कर दिया था. ये संकट कई हफ्ते चला जिसमें गहलोत सरकार पर खतरा आ गया था और आखिरकार पार्टी को दोनों नेताओं के बीच एक सुलह करवाना पड़ा. लेकिन इसके बाद से ही राजस्थान कांग्रेस को इन दोनों नेताओं के गुटों की चुनौती का सामना करना पड़ रहा था.

ये वीडियो देखें-: