राजस्थान में अगले महीने 11 नवंबर को अंता विधानसभा सीट पर होनेवाले उपचुनाव के लिए सरगर्मी शुरू हो चुकी है. कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. पार्टी ने प्रमोद जैन भाया को फिर से टिकट दिया है. नरेश मीणा ने भी कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. लेकिन बीजेपी ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं जिससे अटकलों का बाज़ार गर्म है. इसी अनिश्चितता का फायदा कुछ ठगों ने उठा लिया और बारां के एक स्थानीय नेता से पैसे ठग लिए.
दिल्ली बीजेपी दफ़्तर के नाम से फर्जी कॉल
ठगों ने अंता से टिकट दिलाने के नाम पर बारां के एक स्थानीय नेता मोरपाल सुमन को शिकार बनाया. मोरपाल सुमन बारां की पंचायत समिति के प्रधान हैं. उनके पास रविवार को एक फोन कॉल आया जिसमें कॉल करनेवाले व्यक्ति ने खुद को बीजेपी के दिल्ली मुख्यालय का पदाधिकारी बताया. उसने कहा कि अंता उपचुनाव के लिए उन्हें टिकट देने का फैसला हुआ है. इसके बाद उसने कहा कि नामांकन के लिए दस्तावेज तैयार करवाने होंगे जिसके लिए 38 हजार रुपये जमा करवाने होंगे. यह सुनकर उत्साह में आकर सुमन ने अपने बेटे की मदद लेकर बताए गए बैंक अकाउंट में 38 हजार रुपये जमा करवा दिए.
मोरपाल सुमन
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बीजेपी जिला अध्यक्ष को भी ठगों ने किया फोन
लेकिन थोड़ी देर बाद उन्होंने बारां के बीजेपी जिला अध्यक्ष नरेश सिंह सिकरवार को फोन किया तब उन्हें असलियत का अंदाजा हुआ कि उनके साथ ऑनलाइन ठगी हो गई है. मोरपाल सुमन ने जब बीजेपी जिला अध्यक्ष को फोन कर बताया कि उन्होंने दिल्ली बीजेपी ऑफिस से फोन आने के बाद पैसे डाल दिए हैं. तब नरेश सिकरवार को समझ आया कि ठगों ने उन्हें भी गुमराह कर दिया.
जिला अध्यक्ष सिकरवार ने बताया कि रविवार सुबह उनके पास भी दिल्ली से एक व्यक्ति का फोन आया था, जिसने संभावित प्रत्याशियों के नाम और फोन नंबर मांगे थे. इसके बाद उन्होंने कुछ लोगों के नाम और नंबर दे दिए जिनमें बारां के पंचायत प्रधान मोरपाल सुमन का भी नंबर था. इसके बाद ही ठगों ने सुमन को कॉल किया.
ठगी का पता चलने के बाद मोरपाल सुमन ने बारां के साइबर पुलिस थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज करवाई. इसके बाद साइबर थाना पुलिस अब मामले की जांच कर साइबर ठगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.
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