Rajasthan News: राजस्थान में कॉलेज, यूनिवर्सिटी में नया शिक्षा सत्र शुरू होने वाला है. उसके पहले ही प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में स्टूडेंट पॉलिटिक्स शुरू हो गई है. आए दिन धरना प्रदर्शन, स्टूडेंट की प्रॉब्लम को लेकर स्टूडेंट लीडर प्रोटेस्ट कर रहे हैं. एजुकेशन सिटी कोटा में बुधवार को भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के स्टूडेंट लीडर ने कोटा विश्वविद्यालय (Kota University) के बाहर और अंदर गजब का गदर मचाया. एबीवीपी संगठन से आने वाले कार्यकर्ताओं ने सेमेस्टर वाइज जो फीस ली जा रही है उसका विरोध किया.
यूनिवर्सिटी के गेट पर चढ़ गए छात्र
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि फीस में 100 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, जिससे कम किया जाए. अधिकतर स्टूडेंट ग्रामीण क्षेत्र से हैं. गरीब परिवारों से हैं, जिनके पास पढ़ाई का इतना पैसा नहीं है. जो फीस विश्वविद्यालय ने बढ़ाई है सेमेस्टर वाइज, उसे वह अफोर्ड नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में फीस का जो मुद्दा है वह आज गर्माया. फीस को कम करने की मांग को लेकर कोटा विश्वविद्यालय के गेट पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के स्टूडेंट कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया. छात्रों के उग्र आंदोलन को देखते हुए पुलिस का बड़ी संख्या में जाप्ता तैनात था. छात्रों ने अंदर कैंपस में घुसने की कोशिश की तो पुलिस के जवानों के साथ उनकी धक्का मुक्की हुई. गेट पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने ताला जड़ दिया, लेकिन प्रदर्शनकारी छात्र एबीवीपी के कार्यकर्ता यूनिवर्सिटी के गेट पर चढ़ गए. अंत में विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रों को अंदर लेना पड़ा.
कुलपति को सौंपा 7 मांग वाला ज्ञापन
बाद में छात्र कार्यकर्ताओं ने अपनी 7 सूत्री मांगों को लेकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो नीलिमा सिंह को ज्ञापन दिया और उसमें कहा गया कि जो सेमेस्टर वाइज फीस ली जा रही है, उसे कम करें. पहले B.Ed की फीस 7200 रुपए ली जाती थी, उसे बढ़ाकर 16000 रुपए लिए जा रहे हैं. पहले एमए की फीस ₹7000 हुआ करती थी, उसे ₹14000 कर दिया है, जिससे आर्थिक भार छात्रों पर पड़ रहा है. आगे कहा कि एग्जाम फॉर्म की डेट बिना विलंब शुल्क के आगे बढ़ाई जाए. एग्जाम रिजल्ट छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए घोषित किया जाए. यूनिवर्सिटी में हेल्प डेस्क शुरू की जाए, प्राइवेट स्टूडेंट की फीस रेगुलर के बराबर की जाए. लाइब्रेरी में फर्नीचर की व्यवस्था हो. मांगे नहीं माने जाने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं ने छात्र कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन को आगामी दिनों में उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
'एनुअल फीस को सेमिस्टर वाइज में बदला'
इधर इस पूरे मामले को लेकर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. नीलिमा सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोरोना के बाद कोई फीस वृद्धि नहीं की है. बच्चों की यह गलतफहमी है. सिर्फ नई शिक्षा नीति के तहत सेमेस्टर वाइज एग्जाम बच्चों के हो रहे हैं. ऐसे में पहले एनुअल एग्जाम के हिसाब से फीस हुआ करती थी. अब इस एनुअल एग्जाम की फीस को सेमेस्टर वाइज कर दिया गया है. क्योंकि साल में दो बार परीक्षा होने से दोनों बार एग्जाम को लेकर खर्च होते हैं और जो फीस का मामला है वह अपने स्तर पर इसका निर्णय नहीं ले सकती. ऐसे में एकेडमिक काउंसिल और बोम की मीटिंग में यह मुद्दा रखा जाएगा. इस विषय पर चर्चा के बाद ही बच्चों के हित में यूनिवर्सिटी प्रशासन फैसला लेगा. अगर कमेटी में यह बात सामने आएगी तो बच्चे फीस को अफोर्ड नहीं कर पा रहे हैं, तो बच्चों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही यूनिवर्सिटी प्रशासन सेमेस्टर वाइज परीक्षा की फीस निर्धारित करेगा.