Rajasthan News: भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम के बीच, राजस्थान के भरतपुर जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को एक बड़ी सफलता मिली है. शनिवार सुबह नदबई के तहसीलदार विनोद कुमार मीणा (Tehsildar Vinod Kumar Meena) को 80,000 रुपये की रिश्वत (Bribe) लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है. एसीबी की इस कार्रवाई से राजस्व विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया है. आरोप है कि तहसीलदार ने यह रिश्वत एक जमीन के नामांतरण (म्यूटेशन) को खोलने के लिए मांगी थी.
1 लाख मांगे थे, 80 हजार में सौदा हुआ
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) अमित सिंह के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई. जानकारी के अनुसार, तहसीलदार विनोद कुमार मीणा ने एक परिवादी से जमीन के नामांतरण को खोलने के लिए 1,00,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी. परिवादी ने बताया कि वह पिछले कई दिनों से अपने काम के लिए तहसीलदार के चक्कर काट रहा था, लेकिन हर बार उसे कोई न कोई बहाना बनाकर वापस भेज दिया जाता था. जब उसने काम में देरी की वजह पूछी, तो तहसीलदार ने सीधे-सीधे पैसों की मांग कर दी. तहसीलदार की इस मांग से परेशान होकर परिवादी ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया. एसीबी ने शिकायत का सत्यापन किया और पाया कि तहसीलदार सच में रिश्वत की मांग कर रहा था. शिकायत सही पाए जाने के बाद एसीबी ने अपनी कार्रवाई की योजना बनाई. बातचीत के बाद रिश्वत की राशि एक लाख से घटाकर 80,000 रुपये तय हुई.
एसीबी का जाल और रंगे हाथ गिरफ्तारी
एसीबी की टीम ने एक गुप्त योजना के तहत परिवादी को 80,000 रुपये के नोट दिए, जिन पर एक खास केमिकल लगा हुआ था. जैसे ही परिवादी ने तहसीलदार विनोद कुमार मीणा को उनके सरकारी कार्यालय में यह राशि सौंपी, तुरंत ही एसीबी की टीम ने छापा मारा. एसीबी अधिकारियों ने तहसीलदार को तुरंत दबोच लिया. तलाशी लेने पर उनके हाथों से केमिकल लगे नोट बरामद हुए. जब उनके हाथों को केमिकल में डाला गया तो वह गुलाबी हो गया, जो रिश्वत लेने का पुख्ता सबूत है. एसीबी की टीम ने मौके पर ही तहसीलदार को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद तहसीलदार के चेहरे पर शिकन साफ देखी जा सकती थी, क्योंकि उन्हें इस तरह की कार्रवाई की कोई उम्मीद नहीं थी.
क्यों है यह एक बड़ी कार्रवाई?
एक तहसीलदार का पद राजस्व विभाग में काफी महत्वपूर्ण होता है. जमीन से जुड़े तमाम काम, जैसे नामांतरण, सीमांकन, और रिकॉर्ड दुरुस्त करना, उनके अधिकार क्षेत्र में आते हैं. आम जनता को अक्सर इन्हीं कामों के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं, जहां भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा शिकायतें सामने आती हैं.
ये भी पढ़ें:- एक रबड़ के पाइप से कैदियों ने तोड़ दी जयपुर सेंट्रल जेल की थ्री-लेयर सिक्योरिटी, रातोंरात हुए फरार
यह VIDEO भी देखें