ACB Action: राजस्थान में हर दिन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) एक नए ठिकाने पर छापेमारी कर भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को पकड़ रहा है. लेकिन इसके बावजूद लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. बीते दिन घड़साना में पटवारी घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद उसके घर पर भी छापेमारी की गई थी. अब नया मामला तो शिक्षा क्षेत्र से आया है जिसमें स्कूल निर्माण में भ्रष्टाचार देखा गया है. हाल ही में भीलवाड़ा में स्कूल की बिल्डिंग गिरी थी जिसमें मासूमों की मौत हुई थी. लेकिन इसके बाज भी अधिकारी घूस लेने में जरा भी कोताही नहीं कर रहे हैं.
नया मामला सीकर जिले से आया है जहां जयपुर एसीबी की टीम ने जिला मुख्यालय पर ट्रैप की कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त जिला परियोजना समग्र शिक्षा अभियान के सहायक अभियंता सुखराम के लिए रिश्वत की राशि लेते दलाल कमल कुमार कुमावत (निजी व्यक्ति) को 60 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा. इसके साथ ही इसी कार्यालय में सहायक लेखा अधिकारी प्रथम रामचंद्र को 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए भी रंगे हाथों जयपुर एसीपी की टीम ने गिरफ्तार किया.
बकाया बिल के लिए मांगी थी रिश्वत
ऐसी भी जयपुर ग्रामीण के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिहाग ने जानकारी देते हुए बताया कि परिवादी की ओर से एसीबी जयपुर ग्रामीण को शिकायत मिली कि परिवारी की फर्म द्वारा सीकर के देवास गांव में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कमरों का निर्माण करवाया गया था. जिसके लाखों रुपये के बकाया बिल पास करवाने की एवज में अतिरिक्त जिला परियोजना, समग्र शिक्षा अभियान के सहायक अभियंता सुखाराम द्वारा 60 हजार रुपए एवं सहायक लेखा अधिकारी द्वारा 45 हजार रुपए रिश्वत की मांग कर परेशान किया जा रहा है. जिस पर एसीबी जयपुर ग्रामीण की टीम में मामले का सत्यापन करने के बाद आज ट्रैप की कार्रवाई करते हुए आरोपी सहायक अभियंता सुखाराम के कहने पर उसके निजी दलाल कमल कुमावत को 60 हजार रुपए एवं सहायक लेखा अधिकारी प्रथम रामचंद्र को 40 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.
वहीं एसीबी की कार्रवाई की भनक लगने पर आरोपी सहायक अभियंता सुखाराम मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश जारी है. फिलहाल भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के उपमहानिरीक्षक पुलिस जयपुर राजेश सिंह के सुपरविजन में आरोपियों से पूछताछ व कार्रवाई जारी है. एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा.
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