ACB Action: 80000 रुपये रिश्वत लेते दो वनरक्षक पर शिकंजा, रंगे हाथ हुए गिरफ्तार

उदयपुर जिले के खैरवाड़ा क्षेत्र में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दो वनरक्षकों को 80 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया.

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दो वनरक्षक गिरफ्तार

ACB Action: राजस्थान में एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी और कर्मचारियों पर शिकंजा कसा जा रहा है. पुलिस-प्रशासन के लोगों के साथ अब वन विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार पर एसीबी की नजर है. ताजा मामला उदयपुर से है जहां वन विभाग के दो कर्मचारियों पर ACB की टीम ने शिकंजा कसा है. उदयपुर जिले के खैरवाड़ा क्षेत्र में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सोमवार (1 दिसंबर) को बड़ी कार्रवाई करते हुए दो वनरक्षकों को 80 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. 

बताया जा रहा है कि रिश्वत लकड़ी से भरे ट्रक को बिना कार्रवाई छोड़े जाने के बदले मांगी गई थी. ACB टीम ने पूरी योजना बनाकर ट्रैप लगाया और वन नाका कातरवास से दोनों आरोपी वनरक्षक महेश कुमार मीणा और विजेश अहारी-को मौके पर ही पकड़ लिया. मामले में आगे की जांच जारी है.

बिल मौजूद होने के बाद भी रिश्वत की मांग

ACB महानिदेशक पुलिस गोविंद गु्प्ता के अनुसार, डूंगरपुर इकाई को परिवादी ने शिकायत दी थी कि वह और उसका पार्टनर लकड़ी का वैध व्यापार करते हैं. उनके दो ट्रकों में नीलगिरी और सेमल की लकड़ी भरकर खैरवाड़ा भेजी जा रही थी. दोनों के पास बिल भी मौजूद थे. लेकिन 30 नवंबर की सुबह जानकारी मिली कि दोनों वाहन वन विभाग के अधिकारियों ने पकड़ लिए हैं. गाड़ी नंबर GJ 09 AU 1283 को छोड़ने के बदले आरोपी वनरक्षकों ने भारी रिश्वत की मांग शुरू कर दी. 

सत्यापन के बाद बनाया गया ट्रैप प्लान

वहीं इसकी शिकायत जब एसीबी से की गई तो ACB ने तुरंत शिकायत का सत्यापन कराया. इसमें सामने आया कि आरोपी दोनों वनरक्षक 80,000 रुपये लेने के लिए तैयार हो चुके थे. इसके बाद 1 दिसंबर 2025 को डूंगरपुर ACB टीम ने उप महानिरीक्षक डॉ. रामेश्वर सिंह के सुपरविजन में ट्रैप प्लान तैयार किया.

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रिश्वत की रकम के साथ धर दबोचा

पुलिस उप अधीक्षक रतन सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में निरीक्षक राजेंद्र सिंह और उनकी टीम ने मौके पर घेराबंदी की. जैसे ही आरोपी रिश्वत की रकम ले रहे थे, ACB ने दोनों को रंगे हाथों धर दबोचा. कार्रवाई के बाद टीम ने मौके से सभी सबूत जब्त किए और आरोपियों को डिटेन कर लिया. एडीजी स्मिता श्रीवास्तव के सुपरविजन में अब आरोपियों से पूछताछ जारी है. ACB ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है. 

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