राजस्थान में प्रतिबंधित प्लास्टिक पर कार्रवाई, लगाया गया 1 करोड़ 32 लाख का जुर्माना

पर्यावरण राज्यमंत्री संजय शर्मा ने विधानसभा में बताया कि 5 सालों में विभिन्न अभियानों के तहत 196 टन से अधिक प्लास्टिक कैरी बैग एवं प्रतिबंधित प्लास्टिक वस्तुओं की मात्रा जब्त की गई है.

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प्रतीकात्मक फोटो

Rajasthan Plastic Ban: राजस्थान में प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लेकर नियम पहले ही लागू कर दिये गए हैं. वहीं प्रतिबंधित प्लास्टिक के खिलाफ प्रदेश में लगातार कार्रवाई जारी है. इसके तहत राजस्थान में 1 करोड़ 32 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया जा चुका है. इस बारे में मंगलवार (11 मार्च) को पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा ने विधानसभा में जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में प्लास्टिक की थैलियों के उपयोग को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न स्तर पर  जन जागरण अभियान चलाए जा रहे हैं. जिनके माध्यम से आमजन को प्रतिबंधित प्लास्टिक बैग्स के उपयोग नहीं करने के सम्बन्ध में जागरूक किया जा रहा है.

5 साल में 196 टन प्लैस्टिक जब्त

पर्यावरण राज्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गत 5 सालों में विभिन्न अभियानों के तहत 196 टन से अधिक प्लास्टिक कैरी बैग एवं प्रतिबंधित प्लास्टिक वस्तुओं की मात्रा जब्त की गई एवं 1 करोड़ 32 लाख रूपये से अधिक की राशि का जुर्माना लगाया गया. इसके साथ ही 32 हजार 200 से अधिक प्रकरणों में स्थानीय निकायों द्वारा भी कार्यवाही की गई.

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इससे पहले विधायक विक्रम सिंह जाखल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में पर्यावरण राज्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के अन्तर्गत 21 जुलाई, 2010 को जारी अधिसूचना द्वारा संपूर्ण राज्य में 01 अगस्त, 2010 से प्लास्टिक कैरी बैग के उपयोग, विनिर्माण, भण्डारण, आयात, विक्रय एवं परिवहन पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. उन्होंने बताया कि इस अधिसूचना में बायोडिग्रेडेबल/ कम्पोस्टेबल प्लास्टिक कैरी बैग्स पर प्रतिबंध से छूट प्रदान करने हेतु 31 दिसम्बर, 2021 को अधिसूचना जारी की गई है. अधिसूचना की प्रतिलिपि उन्होंने सदन के पटल पर रखी.

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विगत पांच वर्षों में प्रतिबंधित प्लास्टिक की थैलियों के उपयोग के संबंध में की गयी कार्यवाही का वर्षवार संख्यात्मक विवरण भी उन्होंने सदन के पटल पर रखा.

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