Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक मिलावटी घी के मामले में कोर्ट ने कंपनी के मालिक पर 4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. खबरों के मुताबिक, बीते 10 दिसंबर 2022 को फर्म मैसर्स कामधेनु मार्केटिंग का निरीक्षण किया गया था. इस दौरान दही और घी के नमूने लिये गए थे. जिसका टेस्ट किया गया. लेकिन टेस्ट में यह फेल हुआ. इसके बाद मामला कोर्ट में दायर किया गया और अब इस पर कोर्ट ने फैसला लेते हुए 4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
बताया जाता है कि 10 दिसंबर 2022 को रजनीश शर्मा गश्त चैकिंग के दौरान फर्म मैसर्स कामधेनु मार्केटिंग पहुंचे फर्म का निरीक्षण विजय कंवर, खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं मैसर्स गुड हिला प्रालि के प्रतिनिधि मंद प्रकाश वैष्णव की उपस्थिति में किया गया. इस दौरान दही (सगरी बेस्ट) एक लीटर के चार पैकेट नमूनीकरण जांच के लिए खरीदे गए. इसके बाद अतिरिक्त माल को सीज कर दिया गया.
टेस्ट में घी का नमूना हुआ फेल
बताया जाता है कि घी का नमूना निर्धारित मानक कोटि में फेल हो गया और इसे असुरक्षित पाया गया. फर्म के मालिक मानवीर गौड़ ने रेफरल लैबोरेट्री पुणे से पुनः जांच कराई तथा जांच रिपोर्ट के अनुसार उक्त देशी घी (डेयरी बेस्ट) अमानक स्तर (Sub-standard) पाया गया. इसके बाद प्रकरण न्याय निर्णयन अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, जोधपुर के समक्ष दायर किया गया.
न्यायालय ने जुर्माने पर क्या की टिप्पणी
वहीं माननीय न्यायालय ने अभियुक्त को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 26 (2) (ii) एवं धारा 51 के तहत दोषी पाया. माननीय न्यायालय ने यह अंकित किया कि "पत्रावली पर स्पष्ट तथ्य नहीं है कि अप्रार्थी ने कितना और कब से अनुचित लाभ कमाया. चूंकि अप्रार्थीगण प्रथम बार दोषी पाए गए हैं इसे ध्यान में रखते हुए न्यायहित में शास्ति अधिरोपित किया जाता है एवं भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो इसकी भी चेतावनी दी जाती है. अप्रार्थीगण द्वारा कारित दोषपूर्ण कृत्य की गंभीरता तथा इसके आमजन के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए. इसके बाद न्यायालय ने मानवीर गौड पर चार लाख रूपये का जुर्माना लगाने का फैसला सुनाया.
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