सुरेंद्रपाल सिंह टीटी की करारी हार के बाद मंत्री पद रहेगा या जाएगा? क्या सीएम भजन लाल देंगे विकल्प

करणपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी और मंत्री सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को हार का सामना करना पड़ा है. ऐसे में सभी के मन में सवाल है कि उनका मंत्री पद बना रहेगा या जाएगा.

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करणपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्रपाल सिंह टीटी

Surendrapal Singh TT: राजस्थान के करणपुर विधानसभा (Karnapur Election Result) सीट पर 5 जनवरी को चुनाव के बाद 8 जनवरी को नतीजे सामने आ चुके हैं. इस चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी सुरेंद्रपाल सिंह टीटी की करारी हार हुई है. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह कुन्नर (Rupinder Singh Kooner) ने बड़े वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. आपको बता दें, बीजेपी ने करणपुर सीट जीतने के लिए बड़ा दांव खेला था और मतदान से पहले 30 दिसंबर को सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को मंत्री पद के लिए शपथ दिलाया था. लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि उनकी हार के बाद अब उनके मंत्री पद का क्या होगा.

करणपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह कुन्नर को 94950 वोट मिले हैं. जबकि बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को 83667 वोट मिले हैं. यानी रुपिंदर सिंह 11283 वोटों से जीत हासिल की है.

सुरेंद्रपाल सिंह टीटी के पास अब क्या है रास्ता

सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को करणपुर सीट पर हार का सामना करना पड़ा है. वहीं, अब वह विधायक भी नहीं बन पाए हैं. ऐसे में उनके मंत्री पद को लेकर सवाल उठ रहा है कि उनका मंत्री पद रहेगा या उन्हें छोड़नी पड़ेगा. नियमों के मुताबिक, किसी भी कैबिनेट मंत्री के पास विधानसभा सदस्यता होना जरूरी होता है. ऐसे में सुरेंद्रपाल सिंह टीटी का मंत्री पद पर बने रहना मुश्किल है. हालांकि, मंत्री पद की सदस्यता लेने के बाद से 6 महीने के अंदर विधानसभा की सदस्यता ग्रहण करनी होती है.

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यानी सुरेंद्रपाल सिंह टीटी के लिए अभी भी करीब 6 महीने का समय बचा है. अगले 6 महीने तक अगर वह विधानसभा की सदस्यता ग्रहण नहीं करते हैं तो उन्हें मंत्री पद से हटा दिया जाएगा.

क्या सीएम भजन लाल शर्मा देंगे विकल्प

सुरेंद्रपाल सिंह टीटी का मंत्री पद तभी बच पाएगा जब वह विधायक बनेंगे. ऐसे में बीजेपी अगर अपनी सुरक्षित सीट पर किसी मौजूदा विधायक को इस्तीफा दिलाकर उपचुनाव में सुरेंद्रपाल सिंह को जीतने का रास्ता देती है तो उनका मंत्री पद बच सकता है. ऐसे में सीएम भजन लाल शर्मा ही पार्टी और आलाकमान से बात कर सुरेंद्रपाल सिंह के लिए रास्ता निकाल सकते हैं. हालांकि, ऐसी उम्मीद कम ही है कि बीजेपी तत्काल अभी इस पर किसी तरह का मंथन करेगी.

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बहरहाल, सुरेंद्रपाल सिंह के पास अपना मंत्री पद बचाने के लिए छह महीने का वक्त है. हालांकि, बीजेपी ऐसा भी कर सकती है कि सुरेंद्रपाल सिंह की जगह किसी और को उनका मंत्री पद दे सकती है.

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बता दें, सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को जब मंत्री पद की शपथ दिलाई जा रही थी तो इस बात का कांग्रेस ने जोरदार विरोध किया था.

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