राजस्थान की हवा भी जहरीली, जोधपुर सहित कई जिलों का AQI पहुंचा खतरनाक स्तर पर

पश्चिमी राजस्थान में डेजर्ट और सेंड स्टोन की अत्यधिक खदानें होने की वजह से भी यहां का AQI बढ़ा रहता है. लेकिन इन सब को नियंत्रित करने के लिए अब एक ठोस नीति बनाए जाने की आवश्यकता है.

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फाइल फोटो
जोधपुर:

Air Pollution Jodhpur News: राजधानी दिल्ली इस समय वायु प्रदूषण के दंश से जूझ रहा है. राजधानी की हवा जहरीली हो चुकी है. एयर क्वालिटी इंडेक्स में दिल्ली की हवा पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषित बताई गई है. वायु प्रदूषण पर नकेल कसने के लिए सरकार फिर से ऑड-इवन नियम लागू करने जा रही है. दिल्ली के साथ-साथ राजस्थान के भी कई शहरों से वायु प्रदूषण का गंभीर मामला सामने आया है. दरअसल जैसे-जैसे मौसम में बदलाव होता जा रहा है, वैसे-वैसे हवाएं प्रदूषित होती जा रही है.
 

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले का एएक्यूआई 410 के करीब है. देश की 10 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में श्रीगंगानगर तीसरे स्थान पर है. प्रदूषण निवारण मंडल के द्वारा सोमवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक प्रदेश में भिवाड़ी सर्वाधिक प्रदूषित रहा. वहां AQI-433 पहुंच गया है. जो कि 'सीवियर कैटेगरी' का था. केवल दो शहर करौली और राजसमंद में AQI सामान्य रहा है.

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इसके अलावा जोधपुर का एक्यूआई भी खराब हाल में है. जोधपुर के मुख्य मार्ग और चौराहे पर दिनभर ट्रैफिक जाम रहने से हवा प्रदूषित होने लगी है. लेकिन दिन के समय धूल कण ऊंचाई पर होते हैं लेकिन जैसे-जैसे रात गहराती है. धूल और अन्य कण सतह के पास आकर आबोहवा को प्रदूषित कर रहे हैं. 

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जोधपुर शहर में पांच स्थानों पर केंद्रीय प्रदूषण निवारण मंडल के द्वारा ऑनलाइन एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए हुए हैं. जो 24 घंटे वायु प्रदूषण की मॉनिटरिंग करते हैं. इसमें कलेक्ट्रेट, डिगाडी कलां, झालामंड, मंडोर, अशोक उद्यान शामिल है. जहां सर्वाधिक प्रदूषण जिला कलेक्टर कार्यालय के आसपास देखा गया है.

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सोमवार को जोधपुर जिला कलेक्टर कार्यालय के पास AQI-219, डीगाड़ी कलां पर 180, झालामंड पर 171, मंडोर पर 122 और अशोक उद्यान के आसपास 180 मापा गया है.

दरअसल सोमवार को नामांकन का अंतिम दिन होने के कारण जिला कलेक्टर कार्यालय और उम्मेद स्टेडियम में चुनावी सभा होने के कारण से पावटा से लेकर सोजती गेट तक ट्रैफिक जाम लगा रहा. वहीं अत्यधिक ट्रैफिक के कारण से हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ गई है.

वैसे जोधपुर शहर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम की ओर से फॉगिंग मशीन लगाई गई है. जो पानी छिड़क कर प्रदूषण को कम करने का प्रयास कर रही है. लेकिन ऐसे में शहरवासी और प्रशासनिक अधिकारी दोनों को जागरूक होना आवश्यक है. एक ओर जहां लोग वातावरण को दूषित करने वाली चीजों की इस्तेमाल ना करें.

वहीं ज्यादा प्रदूषण करने वाले संसाधनों पर प्रशासन सख्त कार्यवाही करें. तभी वायु प्रदूषण से सूर्य नगरी जोधपुर को मुक्ति मिल सकती है. आने वाले दिनों में दीपावली है और इस त्योहार पर पॉल्यूशन और ज्यादा बढ़ जाता है. इसलिए जिम्मेदार अधिकारियों को समय रहते इस दिशा में कार्य करना चाहिए.

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