अजमेर दरगाह परिसर में शिव मंदिर के दावे पर सुनवाई, ASI और अल्पसंख्यक विभाग के प्रार्थना पत्र खारिज

विष्णु गुप्ता की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि यह ज्यूरीडिक्शन का मामला है और प्रार्थना-पत्र आवश्यक नहीं है. बहस सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों विभागों के प्रार्थना-पत्र खारिज कर दिए. 

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अजमेर दरगाह परिसर में शिव मंदिर के दावे पर सुनवाई

Rajasthan News: अजमेर दरगाह परिसर में शिव मंदिर होने के दावे को लेकर शनिवार को सिविल कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) और अल्पसंख्यक विभाग की ओर से दाखिल किए गए प्रार्थना-पत्रों को खारिज कर दिया. वहीं दरगाह कमेटी की अर्जी पर सुनवाई जारी रखते हुए कोर्ट ने अगली तारीख 1 नवंबर निर्धारित की. इस दौरान कोर्ट परिसर और आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया.

30 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में ASI और अल्पसंख्यक विभाग ने कोर्ट को बताया था कि याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने दावा करने से पहले जरूरी कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं की. इस आधार पर उन्होंने याचिका को खारिज करने की मांग की थी. वहीं गुप्ता की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि यह ज्यूरीडिक्शन का मामला है और प्रार्थना-पत्र आवश्यक नहीं है. बहस सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों विभागों के प्रार्थना-पत्र खारिज कर दिए. 

हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिल्ली निवासी विष्णु गुप्ता ने दावा किया था कि दरगाह परिसर में संकट मोचन शिव मंदिर स्थित है और वहां पूजा-अर्चना में किसी तरह की रोक नहीं लगनी चाहिए. इस दावे का दरगाह कमेटी और केंद्रीय पुरातत्व मंत्रालय ने कड़ा विरोध किया. मंत्रालय के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि वादी ने प्रकरण दायर करने से पहले उचित विधिक प्रक्रिया नहीं अपनाई. फिलहाल मामला अब 1 नवंबर को फिर से अदालत में सुना जाएगा.

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