अजमेर में 104 डिग्री के बुखार को माना जा रहा है हीट स्ट्रोक, बर्फ से हो रहा इलाज

Ajmer News: प्रदेश भर के जिलों सहित अजमेर में लगातार पड़ रही भीषण गर्मी से लोग बेहाल है. संभाग के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल ने हीट वेव (Heat Wave) से बचने के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं की है.

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Ajmer News: प्रदेश भर के जिलों सहित अजमेर शहर में लगातार पड़ रही भीषण गर्मी से लोग बेहाल है. अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल ने हीट वेव (Heat Wave) से बचने के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं की है. अस्पताल में आइस पैक और बर्फ की सिल्लियां से पूरे परिसर को ठंडा रखा जा रहा है. आज की तारीख तक हीट स्ट्रोक के करीब 20 मरीज भर्ती है, जिनमें से अब तक जिले में कोई भी मौत नहीं हुई है.

20 हीट स्ट्रोक के मरीज हैं भर्ती 

जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के अधीक्षक अरविंद खरे ने जानकारी देते हुए बताया कि जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में जो मरीज भर्ती हैं वे डायरिया, उल्टी, सिरदर्द, बुखार, और चक्कर आना के कारण भर्ती है. उन्हें इलाज के बाद वापस घर भेजा जा रहा है. इसके अलावा अभी तक अस्पताल में 20 हीट स्ट्रोक के मरीज भी भर्ती हैं, जिनका उपचार किया जा रहा हैं. अस्पताल अधीक्षक खरे ने दावा किया है कि हीट स्ट्रोक से आज तक किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है. 


बर्फ से मरीज के शरीर को किया जा रहा ठंडा

वहीं, अस्पताल अधीक्षक ने जानकारी देते हुए बताया कि पूरे अस्पताल के आपातकालीन विभाग को एयर कंडीशन से ठंडा रखा जा रहा है। अस्पताल में आइस पैक , बर्फ ना पिगले इसके लिए थर्माकोल के बड़े-बड़े बैग्स, बोतलों में बर्फ जमा कर रखी हुई है. ऐसे में यदि हीट स्ट्रक का मरीज अगर अस्पताल में आता है, तो उसे हरे कपड़े में ठंडा पानी या बर्फ लपेट कर  उसके शरीर को पहले ठंडा किया जाता है. उसके बाद फिर उसका उपचार किया जाता है.

104 डिग्री से ज्यादा फीवर हीट स्ट्रोक की पहचान 

अस्पताल अधीक्षक अरविंद खरे ने जानकारी देते हुए बताया कि अधिकतर मरीजों का तापमान 104 डिग्री से नीचे आ रहे हैं, जिसे हीट स्ट्रोक नहीं माना जाता है. हीट स्ट्रोक 104 डिग्री से ऊपर तापमान से ग्रस्त मरीज माना जाता है. फिलहाल अभी तक जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में 104 डिग्री से ऊपर वाले मरीज नहीं आए हैं, जो मरीज अस्पताल में भर्ती हैं वह कॉमन इलनेस के मरीज हैं, जिन्हें इलाज देकर घर भेजा जा रहा है. 

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हीस्ट्रोट क के मरीज के लिए यह व्यवस्था

अस्पताल प्रशासन ने हीट स्ट्रोक के मरीज के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. ऐसे मरीजों को अस्पताल के EMU के ICU और ट्रॉमा आईसीयू एनेस्थीसिया में रखा जाता है, जहां ज्यादा गंभीर मरीज को वेंटिलेटर पर रखकर उसका इलाज किया जा रहा है.

हीट स्ट्रोक मरीज को किया जा रहा जागरूक 

राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, किसी भी मरीज को कोई परेशानी ना हो, इसके लिए अस्पताल में हीट रिलेटेड इलनेस डेस्क बनाई गई है. जहां लाल निशान लगी ट्राली की भी व्यवस्था है . साथ ही अस्पताल में गर्मी, लू, हीट स्ट्रोक से बचने के लिए होर्डिंग और पोस्टर भी लगाए गए हैं. इनमें हीट स्ट्रोक  से बचने के लिए अलग-अलग उपाय भी बताए गए हैं.
 

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