JNH Ajmer: एमबीबीएस स्टूडेंट्स के साथ रैगिंग, सीनियर्स ने मारपीट के बाद मुर्गा बनाया, पैर पकड़कर मंगवाई माफी

पीड़ित छात्र द्वारा एक वीडियो भी पुलिस को उपलब्ध कराया है, जिसमें मारपीट करने वाले स्टूडेंट अंकित को जबरन हॉस्टल में ले जाते हुए नजर आ रहे हैं. यह वीडियो अंकित के एक दोस्त ने अपने मोबाइल में बनाया है.

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Rajasthan News: अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल (Jawaharlal Nehru Hospital) में एमबीबीएस के छात्रों द्वारा शराब पीकर फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट के साथ मारपीट और रैगिंग (MBBS Student Ragging) का मामला सामने आया है. इस मामले में पीड़ित छात्र ने सदर कोतवाली थाने में मारपीट के वीडियो के आधार पर अज्ञात स्टूडेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. एमबीबीएस के स्टूडेंट ने  मुर्गा बनाया   पैर पकड़कर माफी मंगवाई। 

मुर्गा बनाया, पैर पकड़कर माफी मंगवाई

सीकर निवासी छात्र अंकित साचोता का कहना है कि वह 22 जुलाई को अपनी क्लास अटेंड करने के बाद कार्डिक डिपार्टमेंट की तरह से होकर हॉस्टल जा रहा था. तभी एमबीबीएस के कुछ सीनियर छात्र, शराब के नशे में वहां आए और अंकित के साथ मारपीट करने लगे. मारपीट के बाद आरोपी स्टूडेंट अंकित को हॉस्टल के अंदर ले गए, और उसे मुर्गा बना दिया. इसके बाद आरोपी स्टूडेंट्स ने अंकित से अपने पैर पकड़वाकर माफी मंगवाई.

दोस्त ने बनाया था पूरी वारदात का वीडियो

पीड़ित छात्र द्वारा एक वीडियो भी पुलिस को उपलब्ध कराया है, जिसमें मारपीट करने वाले स्टूडेंट अंकित को जबरन हॉस्टल में ले जाते हुए नजर आ रहे हैं. यह वीडियो अंकित के एक दोस्त ने अपने मोबाइल में बनाया है. बहरहाल सदर कोतवाली थाना पुलिस ने मारपीट करने वाले अज्ञात स्टूडेंट्स के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान शुरू कर दिया है. इस दौरात पीड़ित छात्र का मेडिकल भी करवाया गया. 

कॉलेज प्रिंसिपल ने बैठाई जांच कमेटी

पीड़ित अंकित ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को भी एक शिकायत पत्र सौंपा है. मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल ने इस मामले को गंभीर मानते हुए मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है. टीम द्वारा रिपोर्ट देने के बाद अगर सीनियर स्टूडेंट के खिलाफ आरोप प्रमाणित पाए जाएंगे और मेडिकल कॉलेज स्तर पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी.

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रैगिंग करने पर यह है कार्रवाई

स्टूडेंट के साथ अगर रैगिंग वाली बात सही पाई जाती है तो सीनियर स्टूडेंट के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 1860 के तहत मामला बनाया जा सकता है. वहीं आरोपी छात्र के खिलाफ संस्‍थागत कार्रवाई करते हुए कॉलेज से निलंबन या छात्रावास से निलंबन किया जा सकता है.