Ravana faints on Dussehra: दशहरे के मौके पर अजमेर में कुछ ऐसा हुआ कि उसकी चर्चा हो रही है. युद्ध लड़ने के दौरान रावण ही बेहोश हो गया और उसे कंधों पर उठाकर लोग घर छोड़कर आ गए. मामला अजमेर के अशोक नगर भट्टा का है, जहां बाल रामायण मंडल द्वारा दशहरा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान 65 फीट का पुतला आकर्षण नहीं बना, बल्कि चर्चा बेहोश हुए रावण की हुई. दरअसल, यहां हर साल की तरह इस बार भी राम-लक्ष्मण से युद्ध शुरू हुआ. रावण के किरदार में नवनीत ने ज़ोरदार हंसी के साथ एंट्री मारी, लेकिन इसी दौरान बेहोश हो गए.
तलवार चलाते-चलाते गिर गया रावण
उत्सव के दौरान राम-लक्ष्मण और रावण के बीच युद्ध हुआ. युद्धभूमि में घिरा रावण तलवार चलाने लगा, तभी तलवार चलाते-चलाते खुद ही गिर पड़े. दरअसल, रावण का बेहोश होना इस उत्सव का हिस्सा है. मंडल के 4-5 कार्यकर्ताओं को मिलकर उन्हें घायल योद्धा की जगह बेहोश रावण को कंधों पर उठाकर घर छोड़ना पड़ा. यह नजारा देख लोगों ने ठहाके लगाए और कहा कि भाई साहब, रावण का वध तो बाद में होता है, पहले तो ये खुद ही बेहोश होकर हार मान लेते हैं.
दर्शकों ने लगाए नारे
इसी दौरान राम-लक्ष्मण भी इस अनोखे युद्ध में उलझे रहे कि लड़े या संभाले? इधर, दर्शक भी मज़े से नारे लगाते रहे- जय श्रीराम और जय श्रीराम. इस बार पुतला जलने से ज्यादा चर्चे नवनीत (रावण) के “बेहोश होने वाले सीन” के रहे, जो अब दशहरे का स्पेशल आइटम नंबर बन चुका है.
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