अजमेर की सिविल लाइंस थाना पुलिस ने आरपीएससी सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा-2022 में डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा देने वाले आरोपी दीपाराम को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने असली अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने के लिए लगभग 3 लाख रुपए लिए थे. यह फर्जीवाड़ा तब सामने आया, जब आरपीएससी की ओर से काउंसलिंग के दौरान भरे गए फॉर्म और उपस्थिति पत्र की जांच में फोटो का मिलान नहीं हुई. मामला पकड़ में आते ही आरपीएससी ने जनवरी 2024 में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस पहले ही मुख्य कैंडिडेट जगदीश मेघवाल को गिरफ्तार कर चुकी थी, अब फरार चल रहा डमी कैंडिडेट भी दबोच लिया गया.
नेटवर्क तक पहुंचने में जुटी पुलिस
एडिशनल एसपी गणेशराम ने बताया कि सेकंड ग्रेड टीचर परीक्षा में जालोर निवासी दीपाराम को डमी कैंडिडेट बनाकर बाड़मेर के मूल अभ्यर्थी जगदीश मेघवाल ने जालोर में बैठाया था. परीक्षा में डमी कैंडिडेट को पास भी करा दिया गया था. लेकिन काउंसलिंग के दौरान डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में जब फोटो और उपस्थिति पत्र की तस्वीरें मेल नहीं खाईं, तब पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया.
पड़ताल में स्पष्ट हुआ कि दीपाराम ने पैसे लेकर परीक्षा दी थी. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने जालोर से दीपाराम को गिरफ्तार किया. आरोपी से नेटवर्क, पैसे और अन्य जुड़े लोगों के बारे में पूछताछ की जा रही है.
आरोपी तीन दिन की रिमांड पर
गिरफ्तार आरोपी दीपाराम को आज माननीय न्यायालय में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे तीन दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया. पुलिस का कहना है कि रिमांड अवधि में पैसों के लेनदेन, रैकेट में जुड़े अन्य व्यक्तियों, असली अभ्यर्थी के संपर्कों और परीक्षा से पहले की तैयारियों से जुड़ी जानकारी जुटाई जाएगी. पुलिस को उम्मीद है कि रिमांड से इस पूरे फर्जी नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने में मदद मिलेगी.
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