Ajmer Sharif Dargah: अजमेर शरीफ दरगाह मामले को लेकर महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोमवार सुबह अजमेर सर्किट पहुंचे. सोमवर को अजमेर कोर्ट में उनके साथ राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष उदयलाल बंजारा और कुछ कार्यकर्ता भी हैं. अजमेर पुलिस ने उनकी सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए हैं. बंजारा और उनके साथियों के लिए सर्किट हाउस पर एक सशस्त्र पुलिस जवान (पीएसओ) भी तैनात किया गया है.
सोमवार को अजमेर जिला न्यायलय में पेश करेंगे दावा
इस मामले मेंमहाराणा प्रताप सेना राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष उदय लाल बंजारा ने बताया कि आज वह, राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजवर्धन सिंह परमार और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील ए पी सिंह के साथ अजमेर जिला न्यायालय में याचिका दायर करेंगे. साथ ही इस संबंध में जानकारी ली जाएगी कि अजमेर दरगाह हिंदू मंदिर है या मस्जिद? बंजारा का कहना है कि कई साल पहले हिंदू राजाओं और औरंगजेब के बीच युद्ध हुआ था. उसके बाद औरंगजेब और मुगल शासकों ने कई हिंदू मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनवाईं. हम इसकी जांच की मांग कर रहे हैं.
जिला कोर्ट के समक्ष पेश महत्वपूर्ण दस्तावेज
दिल्ली निवासी महाराणा प्रताप सेना के संस्थापक डॉ. राजवर्धन सिंह परमार ने अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर एक बयान जारी किया था. जिसमें उन्होंने सोमवार दोपहर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता ए पी सिंह के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की बात कही थी. साथ ही इस दौरान वे जिला अदालत के समक्ष कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज पेश करेंगे.
राष्ट्रपति को दी गई याचिका पर कमेटी का हुआ गठन
राजवर्धन सिंह परमार ने यह भी बताया था कि 31 जनवरी 2024 को उन्होंने राष्ट्रपति कार्यालय में याचिका दायर की थी. जिस पर एक कमेटी भी गठित की गई है. संस्थापक राज्यवर्धन की मांग है कि अजमेर दरगाह एक हिंदू मंदिर है, सरकार इसकी जांच करे। जिसके संबंध में कल कुछ दस्तावेज पेश किए जाएंगे और मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा.
अजमेर पहुंचने पर मिली पुलिस सुरक्षा
जिला पुलिस अधीक्षक वनिता राणा ने अजमेर शहर के सभी थानाधिकारियों को आदेश जारी किए हैं. जिसमें वे अपने-अपने क्षेत्राधिकार में महाराणा प्रताप सेवा के संस्थापक डॉ. राजवर्धन सिंह परमार के सभी कार्यक्रमों के दौरान उन्हें समुचित सुरक्षा प्रदान करेंगे. इस यात्रा के दौरान एक पीएसओ भी तैनात किया गया है जो उनके साथ मौजूद रहकर उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगा.
क्या है अजमेर शरीफ दरगाह मामला
अजमेर की विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर बीते दिनों से पूरी देश की सियासत में बवाल मचा हुआ है. इस विवाद की शुरुआत अजमेर के एक सिविल कोर्ट में दायर याचिका से हुई. इसमें हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने बीते 25 सितंबर 2024 को दरगाह के अंदर एक शिव मंदिर होने का दावा किया. इसको लेकर उन्होंने ‘अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव‘ किताब के तर्कों का भी हवाला दिया गया है. इसमें अजमेर दरगाह के नीचे हिंदू मंदिर का जिक्र किया गया है. इसको लेकर 27 नवंबर को कोर्ट ने याचिका मंजूर कर दी.
यह भी पढ़ें: Deeg News: डीग के ठगों ने ठगी का ढूंढा नया पैतरा, कंबल से नोट बरसाकर लोगों को दे रहे थे पैसे दोगुना करने का लालच