11 साल पुराने वसूली मामले में टाडा कोर्ट का बड़ा फैसला, IPS राजेश मीणा समेत सभी आरोपी बरी

Rajasthan: भ्रष्टाचार मामलों की विशेष अदालत ने 11 साल पुराने मंथली वसूली के मामले में फैसला सुनाया. कोर्ट ने तत्कालीन एसपी राजेश मीणा सहित सभी 14 आरोपियों को बरी कर दिया.

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Rajasthan: कोर्ट ने मंगलवार (30 जुलाई) को मंथली वसूली मामले में अजमेर के तत्कालीन निलंबित एसपी राजेश मीणा सहित 14 आरोपियों को बरी कर दिया. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 90 गवाह और 300 दस्तावेज कोर्ट में पेश किया. दोनों पक्षों की सुनवाई और बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया. मंथली वसूली मामले में तत्कालीन अजमेर एसपी राजेश मीणा, ASP लोकेश सोनवाल, दलाल रामदेव ठठेरा और थाना प्रभारी सहित 14 आरोपी थे.

ACB ने SP को किया था गिरफ्तार  

2 जनवरी 2013 को ACB ने अजमेर के तत्कालीन SP राजेश मीणा को जयपुर रोड पर सरकारी आवास से दलाल ठठेरा के साथ गिरफ्तार किया था. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एसपी से एक थैली बरामद किया, जिसमें 2 लाख 5 हजार रुपए थे. राजेश मीणा को 3 जनवरी 2013 को कोर्ट में पेश किया गया था. तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) लोकेश सोनवाल भारी पुलिस बल के साथ सेशन न्यायालय में उपस्थित हुए थे. 

एएसपी लोकेश सोनवाल कोर्ट से हो गए थे फरार 

ACB ने मीणा को पुलिस रिमांड पर सौंपने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी. उन्होंने अन्य आरोपी तक पहुंचने के लिए सोनवाल की भी रिमांड मांगी. इसकी सूचना सोनवाल को लगी तो वह कोर्ट से फरार हो गया था. इसके बाद उसने FIR निरस्त करवाने और अग्रिम जमानत का प्रयास किया था. बाद में हाईकोर्ट के निर्देश पर कोर्ट में समर्पण करने जा रहा था. अदालत पहुंचने से पहले ही एसीबी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.

 राजेश मीणा वर्तमान में पीएचक्यू आईजी सिक्योरिटी हैं 

एसीबी रिपोर्ट के अनुसार, दलाल रामदेव ठठेरा एएसपी सोनवाल के ऑफिस से उनकी विभागीय कार में बैठकर पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा के घर पर 2.05 बजे पहुंचा. कुछ ही देर में एसीबी टीम पहुंच गई. टीम ने वहां से रामदेव ठठेरा और राजेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया था. एक थैली में 2 लाख 5 हजार रुपए नकद बरामद हुए. रामदेव ठठेरा के जेब में रखी कई थानों के नाम में अंक लिखे पर्चियां मिली थीं. राजेश मीणा वर्तमान में पीएचक्यू आईजी सिक्योरिटी हैं.

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"राजेश मीणा को कांग्रेस सरकार ने फंसाया"

राजेश मीणा के वकील अशोक कुमार बाटड़ ने बताया कि 2013 में कांग्रेस की सरकार थी. राजेश मीणा की भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा से दोस्ती थी, इसी वजह से उन्हें फंसाया गया. राजेश मीणा के साथ एडिशनल एसपी, 9 थाना प्रभारी और 4 अन्य लोगों को साजिश के तहत फंसाया गया. राजेश मीणा को 11 साल तक एसीबी ने आरोपी बनाकर रखा.   

कोर्ट ने इन्हें किया बरी 

तत्कालीन अजमेर एसपी राजेश मीणा, एडिशनल एसपी शहर लोकेश सोनवाल, दलाल रामदेव ठठेरा, 
पुलिस इंस्पेक्टर हनुमान सिंह, जयपाल धार्डिया, खान मोहम्मद, रविंद्र यादव, कुशाल चौरडिया, गोपाल लाल, बंसीलाल, प्रमोद स्वामी, संजय शर्मा, सुनील बिश्नोई और अशोक बिश्नोई को कोर्ट ने बरी कर दिया. 

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