विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर अजमेर के युवक से धोखाधड़ी, झूठे केस में फंसाकर जेल में डलवाया

2 महीने तक तो सब कुछ सही चलता रहा, 2 महीने बाद कंपनी के मालिक अविनाश ने लक्ष्य को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और उसकी सैलरी भी उसे नहीं दी.

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Rajasthan News: विदेश में नौकरी कर अच्छा मुनाफा कमाने के लालच में अजमेर के युवा लगातार धोखा खा रहे हैं. एक ऐसा ही मामला अजमेर के अजय नगर में रहने वाले राजू भक्तानी के बेटे लक्ष्य भक्तानी के साथ हुआ. तीस हजार रुपए प्रतिमाह और रहना खाना फ्री बताकर वेस्ट अफ्रीका के कांगो के ब्राजा शहर में रीव्स वॉयाज ट्रैवल एजेंसी में टिकट बनाने की पोस्ट पर काम करने के लिए 13 जनवरी 2024 को अजमेर से वेस्ट अफ्रीका गया. पीड़ित लक्ष्य ने कंपनी के मालिक से 2 महीने की सैलरी मांगी तो उसने देने से मना कर दिया. 

जॉब के लिए ईस्ट अफ्रीका बुलाया

कंपनी के मैनेजर द्वारा उसे प्रताड़ित कर झूठे मुकदमे में कम्पनी के मालिक ईस्ट मुंबई निवासी अविनाश ओमप्रकाश हिंगोरानी ने अफ्रीका की जेल में डलवा दिया गया. लक्ष्य भक्तानी के पिता राजू भक्तानी ने बताया कि उनके बेटे लक्ष्य की जान पहचान पड़ोस में रहने वाले नीरज ज्ञानानी से हुई. नीरज इस कंपनी में मैनेजर के पद पर जॉब कर रहा है. नीरज ने लक्ष्य को कंपनी में अच्छी पोस्ट पर जॉब दिलाने के लिए ईस्ट अफ्रीका बुला लिया.

लक्ष्य के परिजनों ने भी बेटे को कई महंगे सामान के साथ दिल्ली की फ्लाइट से 13 जनवरी 2024 को ईस्ट अफ्रीका भेज दिया. 2 महीने तक तो सब कुछ सही चलता रहा, 2 महीने बाद कंपनी के मालिक अविनाश ने लक्ष्य को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और उसकी सैलरी भी उसे नहीं दी. यहीं नहीं, उसे झूठे मुकदमे में 10 दिन के लिए अफ्रीका की जेल में डलवा दिया. बेटे को जेल में होने की सूचना जब अजमेर में परिजनों को मिली, उसके बाद लक्ष्य के माता-पिता दादा-दादी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया.

विधायक के हस्पक्षेप से मिली मदद

अपने बच्चे के जेल में होने की सूचना पर लक्ष्य के पिता राजू भक्तानी ने अजमेर दक्षिण से विधायक अनीता भदेल से संपर्क किया और विधायक से बच्चे को सकुशल भारत लाने की गुहार लगाई. विधायक अनीता भदेल ने मामले की गंभीर को देखते हुए तुरंत सीएमओ और भारतीय दूतावास से बच्चे की मदद और जेल से रिहा करने के लिए निवेदन किया. विधायक द्वारा इंडियन एंबेसी को इस विषय में जानकारी दी गई. उसके बाद कांगो ब्राजा विल की एंबेसी से भारतीय दूतावास के स्टाफ ने बात की गई.

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जाँच में कंपनी के मालिक अविनाश और स्थानीय पुलिस की मिली भगत सामने आई. जिस पर स्थानीय पुलिस ने भारतीय दूतावास के दबाव के बाद लक्ष्य को जेल से रिहा कर दिया. जानकारी पर पता चला कि कंपनी के मालिक अविनाश के द्वारा पहले भी करीब 14 व्यक्तियों के साथ इस तरीके से झूठे मुकदमे में फंसाने की बात सामने आई है. 

 जेल मे पिलाया गया टॉयलेट का पानी

पीड़ित लक्ष्य भक्तानी ने अजमेर आने पर एनडीटीवी को बताया कि उसे बंधक  बनाने के दौरान टॉयलेट का पानी पिलाया गया और एक ब्रेड की स्लाइस खाने के लिए दी जाती थी. जिसका भी उसे भुगतान करना पड़ता था. जब कंपनी के मालिक ने लक्ष्य को झूठे आरोप में जेल भिजवा दिया. जेल से रिहा होने के लिए लक्ष्य के पिता राजू भक्तानी ने करीब डेढ़ लाख रुपये स्थानीय वकील को भी दिए. जेल में रहने के दौरान 60 हजार रुपए भी लक्ष्य के खर्च हुए.

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