राजस्थान सहित देश के पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता का पालन शुरू हो गया है. सचिन पायलट के विधानसभा क्षेत्र टोंक में जिला कलेक्टरेट के बाहर लगे इंदिरा गांधी नि:शुल्क मोबाइल वितरण योजना सहित अन्य योजनाओं के होर्डिंग हटते नजर आए.
ऐसे में कुछ जिलों से खबर आई कि मोबाइल न मिल पाने के कारण महिलाएं निराश हो गईं और उनकी आंखों में आंसू छलक उठे. लेकिन आचार संहिता की घोषणा के साथ ही अब जिला प्रशासन आचार संहिता की पालन में कोई कसर छोड़ने के मूड में नहीं है. अगले कुछ घंटों में सरकारी योजनाओं के साथ ही राजनैतिक पोस्टरों ओर होर्डिंग लगाने से पहले अब जिला प्रशासन से इजाजत लेनी पड़ेगी.
राजस्थान विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही राजस्थान में आचार संहिता लगने के बाद टोंक जिले की चार सीटों सहित सचिन पायलट के विधायक वाली टोंक सीट पर देश की नजर रहेगी.
आपको बता दें कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने नई दिल्ली के रंग भवन ऑडिटोरियम में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए 5 राज्यों में चुनाव की तारीखों की घोषणा की है. प्रदेश में 23 नवम्बर को चुनाव होने वाले है. जिनका परिणाम 3 दिसंबर को आने वाला है. इसके लिए 30 अक्टूबर को गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. चुनाव आयोग द्वारा 4 अक्टूबर को जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कुल 5 करोड़ 26 लाख 80,545 मतदाता हैं.
चित्तौड़गढ़: जिले में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही योजनाओं के प्रदर्शित बैनर और होर्डिंग हटाने का काम शुरू हो गया है. शहर में लगे राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बैनर और होर्डिंग हटाए जा रहे हैं. आपको बता दे कि प्रदेश में आगामी 23 नवम्बर को मतदान है और 3 दिसम्बर को मतगणना होगी. चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है.
दौसा: राजस्थान में आचार संहिता लगते ही बैनर और पोस्ट को फाड़ने का काम शुरू हो गया है. जिसके चलते दौसा जिले सहित राजस्थान में तमाम जगहों पर सार्वजनिक स्थानों पर लगे राजनीतिक पार्टियों के बैंनर पोस्टरो को हटाने के लिए नगर परिषद नगर पालिका के लोग काम करने में लगे हैं. जिस समय से आचार संहिता प्रभावी होती है. उस समय देश और प्रदेश के सरकार में मौजूद प्रभावी पद कार्य विहीन हो जाते हैं. आचार संहिता लगने के बाद मंत्री या विधायक अपनी सरकारी गाड़ियों सहित तमाम सुविधाओं से वंचित कर दिए जाते हैं.
भरतपुर: आचार संहिता की घोषणा से पहले जिला निर्वाचन अधिकारी सतर्क हो गए हैं. जिला निर्वाचन अधिकारी की भूमिका निभाने वाले जिला कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट परिसर में राज्य सरकार के लगे हुए होर्डिंग को हटाने का काम शुरू कर दिया है. नगर निगम की तरफ से कर्मचारी शहर के लट्ठे पर लगे होडिंग को हटाने में लगे हैं. राज्य सरकार की सभी योजनाओं के होडिंग को हटाया जा रहा है.
डीडवाना: जिले में आदर्श आचार संहिता के अनुपालन को ध्यान में रखते हुए जिले में लगे राजनीतिक बैनर, पोस्टर होर्डिंग उतारने का काम शुरू हो गया है. नगर परिषद के कर्मचारी, राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के पोस्टर- बैनर हटाने में जुट गए है. इसके लिए नगर परिषद ने अभियान चलाकर शहर के विभिन्न स्थानों से बैनर-पोस्टर हटवाए गए. वहीं दीवार और सार्वजनिक स्थानों पर लिखे गए स्लोगन आदि को भी पेंटिग कर मिटाया गया. नगर परिषद की टीम ने शहर में घूमकर चुनाव संबंधी पोस्टर, होर्डिंग, बैनर आदि हटवाए. साथ ही दीवारों और खंभों पर लगे होर्डिंग और बैनर भी उतराए. वहीं लोगों से दोबारा से सार्वजनिक स्थलों पर चुनाव प्रचार सामग्री न लगाने की हिदायत दी.
बूंदी: राजस्थान सहित पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. ऐसे में इस आचार संहिता की पालना करने को लेकर बूंदी जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. जैसे ही तारीखों का ऐलान हुआ तो नगर परिषद की अतिक्रमण दस्ते ने सरकारी दफ्तरो पर लगे योजनाओं के पोस्टर-बैनरों को हटा दिया. वहीं शहर में विभिन्न स्थानों पर लगे नेताओं के पोस्टर-बैनरों को भी टीम ने जब्त कर लिया. इस बार राजनीति में अपना भाग्य आजमाने के लिए दावेदारी अधिक होने के चलते शहर पिछले दो महीनों से होर्डिंग से हटा पड़ा है. ऐसे में नगर परिषद की टीम को पोस्टर बैनर हटाने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. शहर के अहिंसा सर्किल, लंका गेट, खोजा गेट, मीरा गेट, नैनवा रोड, सर्किट हाउस, जिला कलेक्ट्रेट के बाहर लगे सभी होड्स को हटाया गया है.
बालोतरा: प्रदेश में चुनाव की घोषणा के साथ आचार संहिता लागू हो चुकी है. आचार संहिता लगने के साथ ही प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है. राजनैतिक पार्टियों के होर्डिंग्स बैनर को हटाने का कार्य हुआ शुरू हो चुका है.