सिक्किम के ल्होनक झील के ऊपर 3 अक्टूबर को बादल फटने से तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई थी. तीस्ता नदी के पास ही सेना की बटालियन कैंप लगाए हुए थी. बादल फटने से तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ने लगा जिसके कारण सेना का कैंप बाढ़ की चपेट में आ गया.
बाढ़ कारण काफी सैनिक लापता हो गए थे. इसी दौरान बहरोड़ क्षेत्र के बड़ोद के निवासी सैनिक भवानी सिंह चौहान पुत्र नरेश सिंह चौहान भी बाढ़ की चपेट में आने के कारण शहीद हो गए. शहीद भवानी का पार्थिव शरीर शनिवार देर शाम सिक्किम से हवाई जहाज के द्वारा दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया. उसके बाद दिल्ली एयरपोर्ट से उनके पैतृक गांव लाया गया.
अंतिम संस्कार से पूर्व शहीद भवानी सिंह अमर रहें और भारत माता की जय के साथ तिरंगा यात्रा निकाली गई. इस दृश्य को देख सभी ग्रामीण वासियों की आँखे नम थी. कस्बे में शहीद भवानी की सूचना मिलने पर पूरा बाजार शोक में बंद हो गया. शहीद भवानी सिंह का राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक खेत में अंतिम संस्कार किया गया.
अंतिम संस्कार के दौरान बहरोड़ विधायक बलजीत यादव ,बहरोड प्रधान पति एडवोकेट बस्तीराम यादव, नीमराना पूर्व प्रधान बलवान सिंह यादव, भाजपा नेता मोहित यादव, बड़ोद पूर्व सरपंच सुनील भारद्वाज, बहरोड सदर थाना प्रभारी प्रदीप कुमार सहित भारी संख्या में लोग शहीद भवानी सिंह को श्रद्धांजलि देने मौजूद रहे.