Alwar News: बीटेक के छात्र ने पंखे के लटक कर दी जान, परिजनों ने कॉलेज प्रबंधन को ठहराया जिम्मेदार

अलवर में इंजीनियरिंग के छात्र की फांसी से लगाकर जान दे दी. परिजनों ने हत्या कर पंखे पर लटकाने का आरोप कॉलेज प्रशासन पर लगाया है.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Rajasthan Suicide News: अलवर के सदर पुलिस थाना अंतर्गत चिकानी स्थित लक्ष्मी देवी इंजीनियरिंग कॉलेज में मंगलवार को बीटेक थर्ड ईयर के छात्र प्रिंस ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक के परिजनों ने कॉलेज प्रबंधन पर बदले की भावना से हत्या करने का आरोप लगाया है. सदर पुलिस थाना प्रभारी दिनेश मीणा ने बताया कि छात्र हॉस्टल में रहता था और रविवार को उसने खाना खाया था, लेकिन आज खाना नहीं खाया. थाना प्रभारी ने बताया कि परिजन जैसी भी रिपोर्ट देंगे, उसके अनुसार उसकी जांच की जाएगी.

थाना प्रभारी दिनेश मीणा ने बताया कि सूचना मिली कि एलआईटी कॉलेज में एक छात्र ने आत्महत्या कर ली है. पुलिस जाप्ता वहां पर पहुंचे तो प्रिंस पुत्र विजय सिंह उर्फ अमर सिंह पंखे से लटका मिला. मौके पर एफएसएल टीम बुलाई गई. साथ ही उच्च अधिकारियों को भी सूचना दी गई. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपाधीक्षक मौके पर पहुंचे. परिजनों को बुलाया गया और मृतक छात्र की डेड बॉडी को राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय की मोर्चरी में रखा गया है.

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मृतक छात्र के मां ने लगाए आरोप

इधर मृतक की मां सुनीता ने बताया कि मेरे पति इस कॉलेज में पहले डायरेक्ट पोस्ट पर तैनात थे. इस दौरान मेरे बेटे का एडमिशन इसी कॉलेज में कराया गया. एससी-एसटी के बच्चों की स्कॉलरशिप यह स्कूल प्रबंधन नहीं देता था, ना ही फॉर्म भरवाता था. जब इसका विरोध करते तो कॉलेज के संचालक मनोज चाचान और प्रिंसिपल उन्हें गंदी-गंदी गालियां देते और बच्चों को भी गंदी-गंदी गालियां देते थे. जब इनके कारनामों की पोल मेरे पति ने खोली तो उन्हें पद से हटा दिया. इस मामले का केस अभी भी चल रहा है. वर्तमान में मेरे पति उत्तराखंड में नौकरी करते हैं. 

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कॉलेज प्रबंधन को ठहराया जिम्मेदार

यह परिवार मूल रूप से खेरली का रहने वाला है और वर्तमान में अलवर के विवेकानंद कॉलोनी में रहता है. कुछ दिन पहले ही कॉलेज प्रबंधन की ओर से राजीनामा का फोन आया था. उन्होंने आरोप लगाया कि मेरे बेटे को इन्होंने मारा है. कॉलेज के जिस कमरे में उसने फांसी लगाई है उसे कमरे के दोनों गेट बंद हैं और खिड़की खुली थी. मृतक की मां सुनीता ने बताया कि मेरा बेटा मानसिक रूप से परेशान नहीं था. अगर वह परेशान होकर आत्महत्या करता तो निश्चित रूप से कोई ना कोई सुसाइड नोट लिखकर जाता, लेकिन उसने कोई सुसाइड नोट नहीं लिखा. उन्होंने सीधा-सीधा इस कॉलेज प्रबंधन पर हत्या करने का आरोप लगाया है.

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'राजीनामा न करने पर मार डाला'

मृतक की मां ने बताया कि 'जब मेरे पति को इस कॉलेज से हटाया गया था तब मेरे पति ने कहा था कि इसको दूसरे कॉलेज में एडमिशन करा देते हैं लेकिन पढ़ाई के बीच में दूसरे कॉलेज में एडमिशन कराने में परेशानी होने के चलते आगे की पढ़ाई इसी कॉलेज में जारी रखी. मेरे पति द्वारा केस में राजीनामा नहीं करने के कारण इन्होंने मेरे बेटे को पंखे से लटका कर मारा डाला है.'

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