Alwar News: अलवर के राजकीय सामान्य चिकित्सालय में आज यानी बुधवार को शर्मसार कर देने वाली एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. अस्पताल में दो शवों की अदला-बदली हो गई, जिससे जिले में हड़कंप मच गया. हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की इस बड़ी चूक ने न धार्मिक मान्यताओं और सामाजिक आस्थाओं को भी गहरा झटका दिया है. क्योंकि एक मुस्लिम समदाय के बुजुर्ग का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाजों से कर दिया गया. जबकि उसे दफनाया जाना था. इस घटना ने हॉस्पिटल और मोर्चरी सिस्टम के काम करने के तरीके पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
दोनों शवों को अस्पताल की मोर्चरी में गया था रखा
घटना उद्योग नगर थाना इलाके से शुरू हुई, जहां एक झोपड़ी में एक बुज़ुर्ग का शव मिला, जिसे जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया. इसी बीच, GRP थाना इलाके में एक ट्रेन के अंदर एक और बुज़ुर्ग का शव मिला, जिसे भी लाकर मोर्चरी में रखवाया गया. दोनों शवों की पहचान अलग-अलग थानों के प्रोसीजर के हिसाब से होनी थी, लेकिन लापरवाही की वजह से शवों की अदला-बदली हो गई। राजगढ़ निवासी बुज़ुर्ग के परिवार वाले जिला अस्पताल पहुंचे और उद्योग नगर थाना इलाके के बुज़ुर्ग के शव को अपना समझ लिया. पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने बिना सही वेरिफिकेशन के उसी शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिवार वालों को सौंप दिया. जिसके बाद परिवार ने मृतक का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया.
परिवार वालों ने अस्पताल पर लगाया लापरवाही का आरोप
मामले को लेकर परिवार वालों का कहना है कि मृतक कई सालों से घर के बाहर मजदूरी कर रहा था, इसलिए वे उसे ठीक से पहचान नहीं पाए. दूसरी तरफ, जब GRP थाना प्रशासन 72 घंटे की प्रक्रिया के बाद पोस्टमार्टम कराने की तैयारी कर रहा था, तो उन्हें पता चला कि उसका शव पहले ही कोई दूसरा परिवार ले जाकर अंतिम संस्कार कर चुका है. जब यह जानकारी परिवार वालों और प्रशासन को दी गई, तो वे दोनों हैरान रह गए.
पुलिस ने बॉडी रखते वक्त अस्पताल को दी थी जानकारी
इस मामले के बारे में GRP थाना इंचार्ज अंजू महिंद्रा ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी में बॉडी को मॉर्चरी में रखवाया गया था और समय पर जानकारी भी दी गई थी, लेकिन अस्पताल ने गंभीर लापरवाही दिखाई और परिवार को गलत बॉडी सौंप दी. इस मामले ने धार्मिक और सामाजिक लेवल पर और भी बड़ा विवाद खड़ा कर दिया जब पता चला कि जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया गया वह मेवा समुदाय का एक मुस्लिम व्यक्ति था, जिसे परंपरा के अनुसार दफनाया जाना था.
मुस्लिम महासभा ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
मामले को लेकर मुस्लिम महासभा के जिलाध्यक्ष राहुल खां और समाज के अन्य प्रतिनिधियों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ लिखित शिकायत दी है. पत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि इस लापरवाही से एक मृत व्यक्ति की धार्मिक गरिमा का अपमान हुआ है, जो किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है. मुस्लिम महासभा द्वारा दिए गए ज्ञापन में यह भी उल्लेख है कि घटना की जानकारी मिलने पर समाज में गहरा आक्रोश फैल गया है. समाज ने मांग की है कि शवों की अदला-बदली की घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. मोर्चरी प्रभारी सहित जिम्मेदार अस्पताल कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई हो.
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