राजस्थान के एम्बुलेंस हड़ताल पर सरकार सख्त, RESMA के तहत मामला दर्ज

राजस्थान में एम्बुलेंस हड़ताल पांचवें दिन में प्रवेश कर गई है, जिससे मरीजों और उनके परिवारों को काफी परेशानी हो रही है. अब इस हड़ताल को समाप्त करने के लिए सरकार ने सख्त रूख अख्तियार कर लिया है.

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राजस्थान में पांच दिन से चल रही एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाया है. विभाग ने पहले हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ राजस्थान आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (RESMA) के तहत मामला दर्ज किया है और अब कंपनी को जल्द से जल्द एम्बुलेंस सेवा फिर से शुरू करने का आदेश दिया है. विभाग की सख्ती के बाद कंपनी ने दूसरे राज्यों से ड्राइवरों को बुलाकर सेवा शुरू करने की कोशिश की है.

यह हड़ताल राज्य में एम्बुलेंस सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी के कर्मचारियों द्वारा की जा रही है. कर्मचारी वर्तमान संविदा व्यवस्था की जगह संविदा कैडर में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि मौजूदा व्यवस्था उन्हें उचित वेतन या लाभ नहीं देती है.

हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ राजस्थान आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (RESMA) के तहत मामला दर्ज किया है. विभाग ने कंपनी को जल्द से जल्द एंबुलेंस सेवा फिर से शुरू करने का भी आदेश दिया है. कंपनी ने दूसरे राज्यों से ड्राइवर बुलाकर सेवा शुरू करने की कोशिश की है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है. 

हड़ताल से मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी हो रही है. जिन मरीजों को अस्पताल ले जाना है उन्हें एंबुलेंस के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. कुछ मरीज़ों को निजी एम्बुलेंस का उपयोग करने के लिए भी मजबूर किया जा रहा है, जो अधिक महंगी हैं. 

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विभाग की सख्ती के बाद कंपनी ने दूसरे राज्यों से एम्बुलेंस चालक बुलाकर सेवा शुरू करने का प्रयास किया है.


आज एसएमएस अस्पताल के बाहर लगे एम्बुलेंस को डुप्लीकेट चाभी की मदद से भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में वहां से हटाया गया. जिन गाड़ियों की हवा हड़ताल कर रहे कर्मियों ने निकाली थी, कंपनी ने उसे ठीक कर वहां से हटाया.

क्या है पूरा मामला?

स्वास्थ्य विभाग और हड़ताली कर्मियों के बीच तीन दौर की वार्ता हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. हड़ताली कर्मी ठेका प्रथा समाप्त कर संविदा कैडर में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. इसी मांग को लेकर प्रदेश भर के एम्बुलेंस कर्मी हड़ताल पर चले गए थे. इसके बाद 104 और 108 एम्बुलेंस सेवा ठप हो गयी थी. कर्मियों का कहना है कि कंपनी उन्हें उचित मानदेय नहीं देती है. उन्हें कई घंटे काम करने के बाद जो रकम मिलती है, उससे घर चलाना भी मुश्किल है.

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स्वास्थ्य विभाग ने ममता एम्बुलेंस और बेस एम्बुलेंस सेवाओं को 104 और 108 एम्बुलेंस सेवा से जोड़ा है. विभाग ने कंपनी को अनुबंध के तहत शीघ्र सेवा बहाल करने के आदेश दिए थे. सेवा बहाल न होने की स्थिति में कार्रवाई के संकेत दिए थे. इसके बाद कंपनी ने दूसरे राज्यों से ड्राइवर बुलाकर एम्बुलेंस सेवा बहाल करने की कोशिशें तेज की हैं.

स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद है कि जल्द ही हड़ताल का समाधान हो जायेगा. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि एंबुलेंस सेवा पूरी तरह से कब बहाल होगी.

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