अमृता देवी के नाम पर होगा राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड का नाम, मुख्यमंत्री ने की घोषणा

बैठक में राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड का नाम अमृता देवी के नाम से करने की घोषणा करते हुए गहलोत ने कहा कि अमृता देवी का बलिदान सभी को पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा देता है.

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बैठक में मौजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
JAIPUR:

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को अपने निवास पर राज्य वन्यजीव मंडल की 14वीं बैठक जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड का नाम अमृता देवी के नाम से करने की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में शेरों को लाने के लिए केन्द्र सरकार को चिट्ठी लिखी जाएगी. बैठक में राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड का नाम अमृता देवी के नाम से करने की घोषणा करते हुए गहलोत ने कहा कि अमृता देवी का बलिदान सभी को पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा देता है.

CM गहलोत ने कहा कि राजस्थान में वन एवं वन्यजीव संरक्षण को लेकर सराहनीय फैसले लिए जा रहे हैं. राज्य सरकार की नीतियों से आज प्रदेश में बाघों की संख्या 100 से अधिक हो चुकी है और उनके प्रयासों से राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा 2022 में जारी की गई समीक्षा रिपोर्ट में रणथम्भौर एवं सरिस्का टाइगर रिजर्व की रेटिंग बेहतर हुई है. वहीं, राज्य के कुल 29 कंजर्वेशन रिजर्व में से 16 उनकी सरकार के कार्यकाल में बनाए गए हैं.

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राजस्थान में वन एवं वन्यजीव संरक्षण को लेकर सराहनीय फैसले लिए जा रहे हैं. राज्य सरकार की नीतियों से आज प्रदेश में बाघों की संख्या 100 से अधिक हो चुकी है और उनके प्रयासों से राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा 2022 में जारी की गई समीक्षा रिपोर्ट में रणथम्भौर एवं सरिस्का टाइगर रिजर्व की रेटिंग बेहतर हुई है.

अशोक गहलोत

मुख्यमंत्री, राजस्थान

मुख्यमंत्री सीएम ने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, प्रोजेक्ट टाईगर आदि के माध्यम से देश में पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहन दिया. प्रोजेक्ट टाईगर में जोधपुर के कैलाश सांखला को पहला प्रोजेक्ट निदेशक नियुक्त किया गया. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इस दिशा में एन्वायरमेंटल प्रोटेक्शन एक्ट, गंगा एक्शन प्लान एवं वेस्टलैण्ड डवलपमेंट बोर्ड जैसे नवाचार किए.

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उन्होंने आगे कहा, पूर्ववर्ती केन्द्र सरकार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट लेकर आई. इसी क्रम में हमारी सरकार भी राज्य के वन एवं वन्य जीवों को संरक्षित करने का कार्य कर रही है. उन्होंने बताया कि पहली बार इसके लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान किया गया है. राज्य के 6 टाईगर रिजर्व में से 3 उनकी सरकार के कार्यकाल में बनाए गए हैं और प्रदेश में 10 हजार हेक्टेयर से अधिक का ग्रासलैण्ड विकसित किया जा रहा है.  

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वहीं, वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि वन्यजीव संरक्षण में राज्य में एतिहासिक कार्य हुआ है। राज्य सरकार द्वारा उचित बजट के आवंटन से घोषणाएं धरातल पर उतरी है. वन एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  शिखर अग्रवाल ने बताया कि गत कुछ महीनों में राज्य सरकार द्वारा 53 वेटलैण्ड नोटिफाई किए गए हैं. 

बैठक में वन मंत्री हेमाराम चौधरी, विधायक  खुशवीर सिंह जोजावर व किशनाराम विश्नोई, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) मुनेश कुमार गर्ग, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर, विभिन्न संरक्षणविद्, पारिस्थितिकी विज्ञानी तथा पर्यावरण प्रेमी वीसी के जरिए जुड़े.

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