अनिता मर्डर केस में आया नया मोड़, CBI ने आखिरकार दर्ज किया मामला; गुलामुद्दीन के साथ सहेली सुनीता और तैयब अंसारी भी बने आरोपी

जोधपुर की ब्यूटीशियन अनिता गुमशुदा होने के बाद उसकी छह टूकड़ों में लाश मिली थी. पुलिस इस मामले में लूट के एंगल से जांच कर रही थी. लेकिन इसमें बड़े खुलासे की आशंका जताई जा रही थी.

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Anita Chaudhary Murder Case: राजस्थान के जोधपुर में हुए अनिता मर्डर केस में आखिरकार CBI ने मामला दर्ज कर लिया है. अब इस मामले में सीबीआई पूरी जांच करेगी. इस मामले में पुलिस ने जांच की थी जिसमें गुलामुद्दीन और आबिदा को आरोपी बनाया गया था. जबकि तैयब अंसारी जो अनिता का करीबी था उसे बिना आरोपी बनाए ही पुलिस ने चार्जशीट दायर की थी. लेकिन अब CBI ने अपने केस में गुलामुद्दीन के साथ अनीता की परिचित तैयब अंसारी को भी आरोपी बनाया है. सबसे बड़ी बात है कि इसमें अनिता की सहेली सुनीता को भी आरोपी बनाया गया है. ऐसे में इस मर्डर केस में नया मोड़ आ गया है.

अनिता मर्डर केस में हंगामे के बाद CBI जांच का आश्वासन दिया गया था. वहीं 75 दिन बाद दिल्ली में CBI ने केस दर्ज किया है. मामले की जांच डिप्टी एसपी प्रणब दास करेंगे.

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जोधपुर की ब्यूटीशियन अनीता चौधरी 27 अक्तूबर को गायब होने के बाद अगले दिन उसकी लाश मिले थे. उसकी लाश 6 टुकड़ों में बरामद किया गया था. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई कर रही थी. लेकिन यह जांच लूट तक ही सीमित दिख रही थी. ऐसे में मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए परिजन और सर्वसमाज के लोग धरने पर बैठे थे.

वहीं प्रदर्शन के बीच ओसियां विधायक भैराराम सियोल,सूरसागर विधायक देवेन्द्र जोशी ने सरकार के प्रतिनिधि की भूमिका निभाते हुए नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की मौजूदगी में सीबीआई जांच के लिए सरकार की सहमति की घोषणा की थी. जिसके बाद अनिता का अंतिम संस्कार हुआ था. इस आश्वासन के 75 दिन बाद अब परिजनों की मांग पूरी हुई है.

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गुलामुद्दीन

आश्वासन के एक सप्ताह बाद सरकार ने लिख दिया था पत्र

अनिता की हत्या के मामले की जांच स्थानीय पुलिस की जगह सीबीआई से करवाने की मांग पर 19 नवंबर को आश्वासन मिला था. इसके ठीक एक सप्ताह बाद राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को 28 नवंबर को पत्र लिखकर सरदारपुरा थाने में दर्ज रिपोर्ट को सीबीआई को सौंपने के लिए कहा था. राज्य के आग्रह पर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार ने 21 जनवरी को इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी थी. इस पर सीबीआई ने थाना सरदारपुरा जोधपुर, सिटी वेस्ट की बीएनएस, 2023 की एफआईआर संख्या 0263/2024 की धारा 103(1), 238(बी), 61(2)(ए) और 87 की जांचनियमित मामले के रूप में 3 फरवरी को फिर से पंजीकृत कर ली. 

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सवाल, फिर हाईकोर्ट को जवाब देने में देरी क्यों

राज्य सरकार ने मामला सीबीआई को सौंपा है या नहीं, इसको लेकर कोई अधिकृत जानकारी सामने नहीं आने पर अनिता के पति मनमोहन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सीबीआई जांच की गुहार की थी. इस पर हाईकोर्ट ने जनवरी में सरकार से पूछा था कि वह अनिता मर्डर केस की जांच सीबीआई से करवाने का विचार रखती है या नहीं, इसको लेकर जवाब पेश किया जाए. कुछ दिन पहले फिर हुई पेशी में सरकारी वकील ने जवाब पेश करने के लिए मोहलत मांगी. इस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई 27 फरवरी को निश्चित की है.

जब सरकार नवंबर 2024 में ही अनुशंसा कर चुकी थी तो ऐसे में सवाल उठ रहा है कि हाईकोर्ट को इस बारे में जानकारी देने में भी समय क्यों मांगा जा रहा है.

पुलिस की जांच लूट के मामले तक रही

इस जघन्य हत्या के मामले में पुलिस की थ्योरी शुरू से लूट की घटना और परिस्थितिजन्य हत्या का मामला ही मानती रही. पुलिस के मुताबिक, बीते 27 अक्तूबर  2024 को अनिता अपने पार्लर से गुलामुद्दीन के घर गई, तो वह उसे एस्कॉर्ट कर रहा था. नशीला पदार्थ पिलाकर उसे बेहोश किया गया. उसके पहने हुए जेवर उसने उतार लिए. अपनी पत्नी को उसकी बहन के घर भेज दिया. अगले दिन 28 अक्टूबर को सुबह जब अनिता नहीं उठी, तो वह घबरा गया. बेहोशी की हालत में उसने सिर फोड़कर हत्या कर दी. शव को ठिकाने लगाने के लिए उसने सरदारपुरा से एक तेज चाकू खरीदा जिससे छह टुकड़े कर शव गाड़ दिया था. पुलिस ने मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन और उसकी पत्नी आबिदा को ही आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. जांच अधिकारी एडीसीपी (महिला अपराध अनुसंधान सेल पश्चिम) सुनील के पंवार ने नियत समय में मामले की जांच कर गत तीस जनवरी को कोर्ट में यह चार्जशीट पेश कर दी जिसमें गुलामुद्दीन द्वारा अनिता की हत्या कर टुकड़ों में काटना और उसकी पत्नी को उसका सहयोगी माना है. दोनों आरोपी अभी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं.

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