Rajasthan Pollution: देश के कई राज्य इस समय प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खराब होने के कारण स्कूल, कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. राजस्थान भी इससे अछूता नहीं है. धोरों की धरती के 6 शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. चूरू, झुंझुनू, सीकर, बीकानेर और भिवाड़ी में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI रेड जोन में है.
26 जिलों में AQI 200 से ज्यादा
प्रदूषण की सबसे ज्यादा मार शेखावाटी इलाकों पर पड़ी है, जिसका AQI मंगलवार सुबह 300 के पार पहुंच गया. मंगलवार को भिवाड़ी, करौली और बीकानेर में 300 से ज्यादा AQI दर्ज किया गया. मंगलवार को राजस्थान के कुल 26 जिलों में AQI 200 से ज्यादा दर्ज किया गया. सबसे साफ हवा दक्षिणी राजस्थान में दर्ज की गई, जिसमें सिरोही, प्रतापगढ़, सीकर, राजसमंद, बाड़मेर, अजमेर शामिल हैं.
| जिलों के नाम | AQI लेवल |
| भिवाड़ी | 398 |
| करौली | 320 |
| बीकानेर | 300 |
| धौलपुर | 294 |
| झुंझुनूं | 292 |
| सीकर | 262 |
| चुरू | 246 |
| जयपुर | 208 |
| अलवर | 233 |
| भरतपुर | 267 |
| बांरा | 202 |
| झालावाड़ | 172 |
| दौसा | 197 |
| झालावाड़ | 172 |
| नागौर | 172 |
| जोधपुर | 154 |
| सवाईमाधोपुर | 151 |
| बूंदी | 147 |
| कोटा | 145 |
| चितौड़गढ़ | 136 |
| उदयपुर | 133 |
| जौसलमेर | 132 |
| हनुमानगढ़ | 132 |
| भीलवाड़ा | 130 |
| डूंगरपुर | 111 |
| बांसवाड़ा | 106 |
| पाली | 112 |
| जालौर | 104 |
आंखों में जलन , सांस लेने में हो रही परेशानी
हवा में आए अचानक इस बदलाव ने आम लोगों को प्रभावित किया है. हवा की गुणवत्ता खराब होने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत, गले में दर्द और आंखों में जलन जैसी समस्याएं हो रही हैं. दिल का दौरा, स्ट्रोक और सांस संबंधी जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा भी बढ़ गया है. साथ ही बच्चों, बुजुर्गों को ज्यादा बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी जा रही है.
कैसे मापी जाती है वायु गुणवत्ता
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को मापने के लिए एक पैमाना होता है. इस पैमाने पर हवा में मौजूद प्रदूषकों की मात्रा को मापा जाता है. AQI की माप 0 से 500 के बीच होती है. आम तौर पर, 100 या उससे कम AQI मान को संतोषजनक माना जाता है.
| AQI | कलर कोड | संभावित स्वास्थ्य प्रभाव |
| 0-50 | अच्छा | न्यूनतम प्रभाव |
| 51-100 | ठीक -ठाक | गंभीर बीमारी वाले लोगों को सांस लेने में मामूली परेशानी |
| 101-200 | मध्यम | फेफड़े, अस्थमा और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सांस लेने में तकलीफ |
| 201-300 | खराब | लंबे समय तक हवा के संपर्क में रहने पर ज्यादातर लोगों को सांस लेने में तकलीफ |
| 301-400 | गंभीर | लंबे समय तक संपर्क में रहने पर सांस संबंधी बीमारी |
| 401-500 | अति गंभीर श्रेणी | स्वस्थ लोगों पर इसका प्रभाव पड़ता है तथा पहले से बीमार लोगों पर इसका ज्यादा गंभीर प्रभाव पड़ता है |