Rajasthan News: चित्तौड़गढ़ न्यायालय में चल रहे एक मामले में पॉक्सो कोर्ट (POCSO Court) द्वारा बार-बार तलब करने पर भी अपनी गवाही देने नहीं आ रहे एक थानाधिकारी पर कोर्ट सख्त नजर आया. अब इस मामले में थानाधिकारी का गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. पोक्सो कोर्ट ने SHO के नहीं आने को गंभीरता से लेते हुए गिरफ्तारी वारंट की पालना के लिए सीधे DGP को पत्र जारी किया है और आगमी 30 अप्रैल तक कोर्ट में पेश करने को कहा है.
साढ़े तीन साल से अटका है केस
जानकारी के मुताबिक, 7 अक्टूबर 2020 को निम्बाहेड़ा कोतवाली में एक 17 वर्षीय बालक के साथ अप्राकृतिक कृत्य की रिपोर्ट दर्ज हुई थी. यह रिपोर्ट 4 जनों के खिलाफ दर्ज की गई थी. इस मामले में कुल 13 गवाह हैं, जिसमें से 12 गवाह कोर्ट में पेश हो चुके हैं. कोतवाली निम्बाहेड़ा के तत्कालीन थानाधिकारी हरेंद्र सिंह पुत्र गोवर्धन सिंह निवासी हिरण मंगरी उदयपुर इस मामले के जांच अधिकारी थे. कोर्ट में 12 गवाह पेश होने के बाद मुख्य गवाह तत्कालीन थानाधिकारी हरेंद्र सिंह को बार-बार जमानती व गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बावजूद कोर्ट में पेश नही हुए. मुख्य गवाह के पेश नहीं होने से करीब साढ़े तीन साल से पॉक्सो का यह मामला अटका हुआ है.
कोर्ट ने DGP को सौंपी जिम्मेदारी
पॉक्सो कोर्ट-2 के पीठासीन अधिकारी अमित कुमार सहलोत ने डीजीपी को आदेश जारी किए हैं और तत्कालीन थानाधिकारी को गिरफ्तारी वारंट की पालना सुनिश्चित करते हुए 30 अप्रैल को कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने माना कि इस मामले में थानाधिकारी हरेंद्र सिंह की गवाही के लिए बार-बार जमानती व गिरफ्तारी वारंट के बावजूद कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए हैं. इससे प्रतीत होता हैं कि गवाह ऐसा जान बूझकर न्यायालय की अवहेलना कर रहा है. जबकि मामला पॉक्सो एक्ट के होने से उच्च न्यायालय का भी शीघ्र निस्तारण के आदेश हैं. कोर्ट द्वारा डीजीपी को जारी पत्र में कोर्ट ने कहा कि आप इस गवाह के मौजूदा पदस्थापना स्थल के जिला पुलिस अधीक्षक के मार्फत वारंट की पालना सुनिश्चित कराएं. इस मामले के जांच अधिकारी व मुख्य गवाह हरेंद्र सिंह को गिरफ्तार करवाकर नियत पेशी 30 अप्रैल को उपस्थित कराना सुनिश्चित कराएं.
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