Rajasthan News: अपनी शिष्या से दुष्कर्म के दोषी आसाराम की अंतरिम जमानत अवधि 31 जनवरी को पूरी हो रही है. इस बीच आसाराम के एक साधक ने उनकी उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए राष्ट्रपति के सामने रिहा करने की याचिका लगाई है. याचिका के जरिए राज्य सरकार की ओर से आसाराम को लेकर श्वेत पत्र भी जारी करने की मांग की गई है. इस पर राष्ट्रपति ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव को याचिका फारवर्ड करते हुए कहा कि वे इस पर विचार कर याचिकाकर्ता को निर्णय से अवगत करवाएं. उधर आसाराम की अंतरिम जमानत बढ़ाने से जुड़ी याचिका पर 25 मार्च को गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.
सूरत के साधक ने दी याचिका
आसाराम अपनी शिष्या के साथ दुष्कर्म जुड़े मामले में आसाराम करीब 11 साल से सजा काट रहे हैं. अभी आसाराम अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं. उनकी अंतरिम जमानत 31 मार्च को पूरी हो रही है. उधर सूरत से उनके एक साधक सुखराम एम टांक ने पिछले माह आसाराम के स्वास्थ्य के मद्दनेजर रिहाई की मांग करते हुए याचिका भेजी. याचिका में कहा गया कि आसाराम को इस अवस्था में बेहतर इलाज और बेहतर माहौल की जरूरत है.
राष्ट्रपति कार्यालय ने मुख्य सचिव को भेजा
ऐसे में वे राजस्थान सरकार को आसाराम मामले में श्वेत पत्र जारी करने के लिए भी निर्देशित करे. साधक की याचिका पर राष्ट्रपति कार्यालय ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि याचिका के विषय से ही प्रकरण स्पष्ट है. इसे ध्यानाकर्षण के लिए भेजा जा रहा है. याचिका पर की गई कार्रवाई की सूचना सीधे याचिकाकर्ता को दे दी जाए.
25 मार्च को गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई
वहीं, गुजरात हाईकोर्ट में आसाराम की उस याचिका पर सुनवाई होनी है, जिसमें अंतरिम जमानत को बढ़ाने की मांग की गई थी. गुजरात हाईकोर्ट ने करीब दो सप्ताह पहले मामले की सुनवाई की थी, जिसमें एक पक्ष ने समय मांगा तो हाईकोर्ट ने अब 25 मार्च को सुनवाई तय की है.
इसके अलावा आसाराम ने बीते माह राजस्थान हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल कर अपनी अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने की मांग की थी. इस पर राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को पहले गुजरात हाईकोर्ट में याचिका लगानी होगी, वहां से अंतरिम जमानत अवधि बढ़ती है तो उसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट इस पर सुनवाई करेगा.
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