Rajasthan Politics: किसानों की लाखों रुपये की वीसीआर पर बोले अशोक चांदना- किसानों में डर का माहौल

अशोक चांदना ने कहा कि कलेक्ट्रेट का गेट आजादी से पहले का लगा हुआ है. किसी ने उसको तोड़ा नहीं, उसका एक हुक निकल गया था. प्रदर्शनकारी कलेक्टर से मिलना चाह रहे थे, लेकिन उन्होंने गेट बंद करवा दिया.

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अशोक चांदना (फाइल फोटो)

Rajasthan Politics: राजस्थान सरकार में पूर्व खेलमंत्री और वर्तमान में हिंडौली से विधायक अशोक चांदना शनिवार को कोटपूतली दौरे पर रहे. एक निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे पूर्व खेल मंत्री का कोटपूतली आने पर जगह- जगह माला व साफा पहना कर स्वागत किया गया. इस दौरान अशोक चांदना ने एनडीटीवी से बात करते हुए विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी. अपने क्षेत्र में किसानों की लाखों रुपये की वीसीआर के मुद्दे पर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. 

वीसीआर की एक बड़ी समस्या है- अशोक चांदना

किसानों की लाखों रुपये की वीसीआर को लेकर एंग्री यंग मैन के तौर अपनी छवि पर चांदना ने कहा कि किसानों की वीसीआर की एक बहुत बड़ी समस्या है, क्योंकि टेक्निकली इसमें हर किसान ही फॉल्टर में हैं. हमारे इलाके में पहली बार ऐसी कार्रवाई हुई. एक दिन में सवा सौ वीसीआर बनाना और 23 लाख की वसूली किसानों से करना, क्या किसानों के पास इतना पैसा है? क्या प्रधानमंत्री पूरी एमएसपी दे रहे हैं? 23 लाख तो एक नंबर है, इसकी आड़ में ना जाने और कितनी राशि ली गई होगी. इससे किसानों में डर का माहौल बनाया गया.

कलेक्ट्रेट का गेट तोड़ने पर क्या अशोक चांदना

किसानों के प्रदर्शन के दौरान कलेक्ट्रेट का गेट तोड़ने के सवाल पर अशोक चांदना ने कहा कि कलेक्ट्रेट का गेट आजादी से पहले का लगा हुआ है. किसी ने उसको तोड़ा नहीं, उसका एक हुक निकल गया था. प्रदर्शनकारी कलेक्टर से मिलना चाह रहे थे, लेकिन उन्होंने गेट बंद करवा दिया. कलेक्टर से मिलना ये कोई अपराध नहीं है. कार्यकर्ताओं को परेशान करने के लिए ऐसे केस लगाए जाते हैं. जब उस पार्टी का राज आ जाता है तो उसे वापस ले लेते हैं.

विजय बैंसला के उस बयान पर भी अशोक चांदना ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें बैंसला ने कहा था कि पहले की सरकार के मुकाबले वर्तमान में भजनलाल सरकार में कम गुर्जर नेता भाजपा कैबिनेट में शामिल हैं. चांदना ने कहा कि भाजपा कैबिनेट में बिल्कुल डिसबैलेंस है. इतने बड़े समाज हैं. उन्हें इग्नोर करके केवल अधिकारियों के भरोसे सरकार नहीं चलेगी. सभी वर्गों को साथ ले कर उन्हें उनका शेयर देकर ही बेहतर सरकार चलेगी.

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