अशोक चांदना: गहलोत कैबिनेट का आक्रामक युवा चेहरा, इस बार कांटे की टक्कर, क्या लगा पाएंगे जीत की हैट्रिक?

अशोक चांदना 2013 और 2018 में विधायक रहे हैं और हालिया गहलोत सरकार में युवा और खेल मामलों के मंत्री हैं. इस बार उनकी टक्कर भाजपा के संभावित उम्मीदवार प्रभुलाल सैनी से हो सकती है. इस दिलचस्प मुक़ाबले में क्या चांदना जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे?

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अशोक चांदना और CM गहलोत ( फाइल फोटो )
BUNDI:

राजस्थान में कांग्रेस ने अपनी पहली सूची शनिवार को जारी की थी. जिसमें हाडौती क्षेत्र में केवल बूंदी जिले की हिंडोली सीट पर ही कांग्रेस ने अशोक चांदना को टिकट दिया है. अशोक चांदना गहलोत मंत्रिमंडल में खेल राज्य मंत्री हैं और उन्हें तीसरी बार हिंडोली सीट से टिकट दिया गया है. हिंडोली सीट पर गुर्जर और माली जातियों के वोटर सबसे ज्यादा हैं और जीत में इनका अहम रोल रहता है.

टिकट मिलने के बाद अशोक चांदना ने कहा कि, कांग्रेस की लिस्ट में 33 नाम हैं, जिनमें से 45 वर्ष की आयु के नेताओं को टिकट दिया गया है. यह सब उदयपुर अधिवेशन में हमारी पॉलिसी का नतीजा है. उन्होंने कहा कि, हमने 9 महिलाओं को भी टिकट दिया, हम सब को साथ लेकर चलते हैं , कांग्रेस पार्टी जो कहती है वह करती है, मोदी जी तो केवल वाहवाही लूटने का काम करते हैं.

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भाजपा की पहली लिस्ट में 10 विधायक भी नहीं जीत पाएंगे 

खेल मंत्री अशोक चांदना ने बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि, पहली लिस्ट में जो 40 नाम जारी हुए थे, उनमें से 10 विधायक भी जीत कर नहीं आएंगे. दूसरी लिस्ट में तो बिना चेहरे वाले लोगों को ही टिकट दे दिया बीजेपी खुद ही बैकफुट पर आ गई है. जीतने वाले चेहरे नहीं थे फिर भी उन्हें टिकट दिया गया तो विरोध तो होना ही था.

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' क्या पीएम राजस्थान में सीएम का चेहरा हैं? '

चांदना ने आगे कहा कि इनके पास सीएम फेस नहीं है. सुनने में आता है कि प्रधानमंत्री के चेहरे पर ही चुनाव लड़ रहे हैं कि पीएम सीएम का चेहरा हैं. अब क्या प्रधानमंत्री राजस्थान के सीएम बनेंगे क्या ? जनता का राजस्थान में कोई काम होगा तो पीएम उसे करने आएंगे क्या ? किस बात का चेहरा है क्योंकि किसानों के लिए यह कुछ कर नहीं सके. 

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ईआरसीपी सबसे बड़ा मुद्दा था, मोदी जी योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं कर सके, जबकि राजस्थान ने 25 के 25 सांसद केंद्र को दिए. लेकिन पीएम राजस्थान में कुछ नहीं कर सके अगर उन्होंने कुछ किया है तो वह अपना हिसाब बता दें.

उन्होंने गहलोत सरकार रिपीट होने के दावे पर कहा कि हमने जनता के वादों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, आंकड़ों में बात नहीं करता लेकिन बहुमत से हमारी सरकार बनने जा रही है.

गहलोत ख़ेमे के माने जाते हैं 

अशोक चांदना को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ख़ेमे का नेता माना जाता है, उन्होंने सचिन पायलट के खिलाफ कई बयान दिए हैं. सचिन पायलट के साथ सरकार के खिलाफ मानेसर होटल में जाने वालों में उनका नाम शामिल नहीं था. बाद में गुर्जर समुदाय उनका विरोध किया था. जिस पर चांदना ने कहा था कि, अगर मैं अपनी पर आ गया तो या तो मैं बाक़ी रहूँगा या सचिन पायलट रहेंगे  

हिंडोली नैनवा के विकास के दम पर हैट्रिक लगाएंगे - चांदना

चांदना ने तीसरी बार हैट्रिक लगाने की तैयारी के सवाल पर कहा कि, यह तो जनता तय करेगी कि मैं हैट्रिक लगा पाऊंगा या नहीं? लेकिन विकास में मैंने कोई कसर नहीं छोड़ी. खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि, हिंडोली नेनवा क्षेत्र में 5 सालों में जो काम हुए हैं वह आजादी के बाद पहली बार देखने को मिले सड़क, चिकित्सा, शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में विकास कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

साल 2013 के विधानसभा चुनाव में उनको कांग्रेस के टिकट पर हिण्डोली विधानसभा का उम्मीदवार बनाया गया और चांदना पहली बार विधायक बने. यह वो समय था जब कांग्रेस को प्रदेश में सिर्फ 21 सीटें मिलीं थीं. उस वक़्त चांदना का सामना भाजपा के उम्मीदवार महिपत सिंह से था.


दो बार से लगातार जीत रहे मंत्री अशोक चांदना का जन्म 13 जनवरी, 1984 को बूंदी जिले के श्योपुरिया की बावड़ी में हुआ था उनके पिता देव लाल चांदना मार्बल बिजनेस जुड़े थे अशोक चांदना ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बिरला सीनियर सेकेंडरी स्कूल, फिर वे पुणे चले गए और 2006 में वे इंदिरा कॉलेज, पुणे विश्वविद्यालय से बी कॉम किया बाद में बिट्स पिलानी से बी.टेक किया अपनी पढ़ाई पूरी करने ने बाद चांदना बूंदी आ गए अपने मार्बल के बिजनेस भीलवाड़ा के सांवर कस्बे में आ गए यहां चांदना ने वर्ष 2008 से लेकर वर्ष 2010 तक भीलवाड़ा क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया

2013 में कांग्रेस को 21 सीटें मिलीं, तब भी जीते थे चांदना 

साल 2009 में चांदना ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली इसी साल अजमेर जिला परिषद् का चुनाव जीतने में सफल रहे. वर्ष 2009 में ही अशोक चांदना को राजस्थान युवा कांग्रेस का महासचिव बना दिया गया था. 2013 में चांदना को राजस्थान प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष चुन लिया गया. साल 2013 में उनको कांग्रेस के टिकट पर हिण्डोली विधानसभा का उम्मीदवार बनाया गया और चांदना पहली बार विधायक बने.

यह वो समय था जब कांग्रेस को प्रदेश में सिर्फ 21 सीटें मिलीं थीं. उस वक़्त चांदना का सामना भाजपा के उम्मीदवार महिपत सिंह से था, बाद में अगले साल 2014 में होने वाले लोकसभा का चुनाव भी लड़ा लेकिन हार गए. साल 2018 में भी अशोक चांदना को टिकट दिया गया जहां वे जीत गए. 

हिंडोली सीट पर 2 लाख 65 हजार 723 मतदाता हैं इस सीट से पिछले 10 सालों से कांग्रेस के प्रत्याशी वर्तमान में खेल मंत्री अशोक चांदना विजय होते हुए आ रहे हैं.

भाजपा प्रत्याशी का इतंजार, मुकाबला होगा कड़ा

चांदना के सामने बीजेपी ने माली समुदाय का मजबूत चेहरा उतार कर कांटे की टक्कर कर दी है हिंडोली- नैनवा सीट पर ब्राह्मण, मीणा, राजपूत, वैरागी समाज के वोटर भी शामिल है. भाजपा यहां से प्रभु लाल सैनी को मैदान में उतार सकती है. इससे माली वोटों पर भाजपा की नज़र रहेगी.हिंडोली विधानसभा सीट से प्रभुलाल सैनी पूर्व में भी विधायक रह चुके हैं. भाजपा ने अभी यहां अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. लेकिन चर्चा है कि चांदना के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार उतारा जाएगा. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या चांदना इस बार जीत की हैट्रिक लगा पाते हैं या नहीं. 

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